Kolkata Rape-Murder Case: ममता ने माफी मांगी, कहा- डॉक्टर काम पर लौटें, मैं इस्तीफा देने को तैयार

Kolkata Rape-Murder Case - ममता ने माफी मांगी, कहा- डॉक्टर काम पर लौटें, मैं इस्तीफा देने को तैयार
| Updated on: 12-Sep-2024 09:03 PM IST
Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले ने शहर में गहरा विवाद उत्पन्न कर दिया है। इस घातक मामले के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन अब एक गंभीर संघर्ष का रूप ले चुका है, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच तनाव बढ़ गया है।

जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन और ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया

जूनियर डॉक्टर न्याय की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं और व्यापक प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगें इस तथ्य पर आधारित हैं कि वे चाहते हैं कि अपराधियों को सजा मिले और स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार हो। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल समाप्त करने का आह्वान किया है और दो घंटे से अधिक समय तक प्रतीक्षा करने के बावजूद, जब डॉक्टर बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए, तो उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम लोगों से माफी मांगी और डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की।

मुख्यमंत्री ममता ने इस अवसर पर कहा, "मैं लोगों की खातिर इस्तीफा देने को तैयार हूं। मुझे मुख्यमंत्री का पद नहीं चाहिए। मैं चाहती हूं कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। आम लोगों का न्याय किया जाना चाहिए।" ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि उन्होंने उच्च अधिकारियों के साथ तीन दिन तक इंतजार किया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

मुद्दे पर जटिल स्थिति

मुख्य सचिव मनोज पंत ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को नबान्न में बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि, बातचीत के दौरान डॉक्टरों ने लाइव टेलीकास्ट की मांग की, जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया। इस मुद्दे ने दोनों पक्षों के बीच गतिरोध पैदा कर दिया। ममता बनर्जी ने कहा कि "मैंने दो घंटे इंतजार किया, लेकिन डॉक्टर आए नहीं। कई सीनियर डॉक्टर कष्ट के साथ ड्यूटी कर रहे हैं।"

राज्य प्रशासन का कहना है कि लाइव स्ट्रीमिंग से बातचीत की गोपनीयता और प्रभावशीलता प्रभावित हो सकती है। डीजी राजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि किसी भी औपचारिक बैठक या चर्चा को लाइव स्ट्रीम नहीं किया जा सकता।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और आलोचना

भाजपा नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर कड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जूनियर डॉक्टरों की अनदेखी की और बैठक रद्द कर दी। मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी पारदर्शिता से डरती हैं और इसका परिणाम मरीजों की मौतों के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने ममता को कोलकाता पुलिस आयुक्त और राज्य की स्वास्थ्य योजना के विफलताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी ममता बनर्जी की आलोचना की और कहा कि मुख्यमंत्री और उनके द्वारा नेतृत्व किए जा रहे मंत्रालयों की विफलता के कारण हिंसा और समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने सामाजिक बहिष्कार की भी बात की, यह आरोप लगाते हुए कि मुख्यमंत्री के हाथों में खून है।

निष्कर्ष

कोलकाता में चल रहे इस विवाद ने न केवल स्वास्थ्य प्रणाली की समस्याओं को उजागर किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब राजनीतिक नेतृत्व और स्वास्थ्य सेवा के बीच सहयोग की कमी होती है, तो समाज की एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है। जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन और ममता बनर्जी की सरकार के बीच का यह संघर्ष, पश्चिम बंगाल के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है। अब यह देखना होगा कि इस जटिल स्थिति को किस प्रकार सुलझाया जाएगा और क्या दोनों पक्षों के बीच समझौता संभव हो सकेगा।

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