India-China Relation: चीन-भारत के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बैठक, इन छह बिंदुओं पर बनी सहमति

India-China Relation - चीन-भारत के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बैठक, इन छह बिंदुओं पर बनी सहमति
| Updated on: 19-Dec-2024 01:00 AM IST
India-China Relation: पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद, चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक बुधवार को बीजिंग में आयोजित हुई। यह बैठक दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई। बैठक में चीनी विशेष प्रतिनिधि वांग यी और भारतीय विशेष प्रतिनिधि अजित डोभाल ने चीन-भारत सीमा मुद्दों पर सकारात्मक और रचनात्मक संवाद किया। इसके परिणामस्वरूप, दोनों पक्ष छह महत्वपूर्ण सहमतियों पर पहुंचे।

मुख्य सहमतियां और उनका महत्व

1. सीमा समाधान की सकारात्मक समीक्षा और शांति बनाए रखने पर सहमति

दोनों देशों ने सीमा विवादों के समाधान के लिए अब तक किए गए प्रयासों की समीक्षा की। सहमति बनी कि इन प्रयासों को लागू करने की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए। इसके अलावा, सीमा विवाद को द्विपक्षीय संबंधों के समग्र संदर्भ में संभालने की आवश्यकता पर बल दिया गया ताकि यह द्विपक्षीय विकास को प्रभावित न करे।

2. राजनीतिक दिशानिर्देशों के आधार पर समाधान खोजने की प्रतिबद्धता

2005 में स्थापित विशेष प्रतिनिधियों के राजनीतिक दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, एक निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने पर सहमति हुई।

3. सीमा प्रबंधन और स्थिरता सुनिश्चित करने के उपाय

दोनों पक्ष सीमा क्षेत्र में प्रबंधन और नियंत्रण को और मजबूत करने, विश्वास निर्माण उपायों को बढ़ाने और सीमा पर स्थायी शांति और स्थिरता लाने पर सहमत हुए।

4. सीमा-पार सहयोग और तीर्थयात्रा पुनः शुरू करने पर सहमति

भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने, सीमा-पार नदी सहयोग को बढ़ावा देने और नाथूला सीमा व्यापार को प्रोत्साहित करने जैसे कदमों पर सहमति बनी।

5. बैठक तंत्र को मजबूत करना

कूटनीतिक और सैन्य संवाद को समन्वित करने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की बैठक तंत्र को सुदृढ़ बनाने पर सहमति हुई। साथ ही, कार्य तंत्र (WMCC) को निर्देश दिया गया कि वे इन सहमतियों को जमीनी स्तर पर लागू करें।

6. आगामी बैठक की योजना

दोनों पक्ष अगले वर्ष भारत में विशेष प्रतिनिधियों की एक नई बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए। बैठक की तारीख कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से तय की जाएगी।

बैठक का व्यापक प्रभाव

इस बैठक में न केवल सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई, बल्कि द्विपक्षीय, अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया। दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि एक स्थिर, पूर्वानुमानित और सकारात्मक चीन-भारत संबंध अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए अनिवार्य है।

निष्कर्ष

चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों की यह बैठक, पांच वर्षों के अंतराल के बाद, दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। छह महत्वपूर्ण सहमतियां न केवल सीमा विवाद सुलझाने में मदद करेंगी, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देंगी। इस बैठक के परिणाम आने वाले वर्षों में एशिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच स्थायी शांति और स्थिरता स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।

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