Gujarat Election: MHA का गुजरात चुनाव से पहले फैसला, पाकिस्तान-बांग्लादेश से आए लोगों को मेहसाणा-आणंद में मिलेगी नागरिकता

Gujarat Election - MHA का गुजरात चुनाव से पहले फैसला, पाकिस्तान-बांग्लादेश से आए लोगों को मेहसाणा-आणंद में मिलेगी नागरिकता
| Updated on: 01-Nov-2022 10:16 AM IST
Gujarat Election: गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने नागरिकता को लेकर बड़ा फैसला किया है. एमएचए ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का फैसला किया है. इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है और बताया है कि लोगों को नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत दी जाएगी नागरिकता

केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले और वर्तमान में गुजरात के दो जिलों में रह रहे हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता कानून, 1955 के तहत भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है. विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA) के बजाय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता देने का यह कदम महत्वपूर्ण है.

बता दें कि सीएए (CAA) अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने का भी प्रावधान करता है. हालांकि, अधिनियम के तहत अब तक सरकार द्वारा नियम नहीं बनाए गए हैं, इसलिए इसके तहत अब तक किसी को भी नागरिकता नहीं दी सकी है.

गुजरात के इन 2 जिलों में रह रहे लोगों को मिलेगी नागरिकता

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के नोटिफिकेशन के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर गुजरात के आणंद और महेसाणा जिले में रह रहे हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी. अधिसूचना के अनुसार, नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 के तहत और नागरिकता नियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी या उन्हें देश के नागरिक का प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

वेरिफिकेशन के बाद कलेक्टर जारी करेंगे नागरिकता

गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर गुजरात के आणंद और महेसाणा में बसे अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को ऑनलाइन आवेदन जमा करने होंगे. इसके बाद जिला स्तर पर कलेक्टर वेरिफिकेशन करेंगे और पूरी प्रक्रिया के बाद संतुष्ट होने पर भारतीय नागरिकता प्रदान करेंगे. इसके लिए प्रमाणपत्र भी जारी करेंगे. आवेदन के साथ कलेक्टर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे. ऑनलाइन के साथ साथ कलेक्टर द्वारा भौतिक रजिस्टर भी रखा जाएगा, जिसमें भारत के नागरिक के रूप में इस प्रकार रजिस्ट्रीकृत या देशीयकृत व्यक्तियों का ब्यौरा होगा और उसकी एक कॉपी ऐसे रजिस्ट्रीकरण या देशीकरण के सात दिन की अवधि के भीतर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी.

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