Mahesh Joshi: मंत्री महेश जोशी का सरकारी मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा

Mahesh Joshi - मंत्री महेश जोशी का सरकारी मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा
| Updated on: 18-Feb-2023 09:27 AM IST
Mahesh Joshi : जलदाय मंत्री महेश जोशी ने शुक्रवार को सरकारी मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोशी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।


महेश जोशी ने बजट सत्र से पहले इस्तीफा दिया था, जिसे गहलोत ने आज देर शाम मंजूर किया है। जोशी के पास अब जलदाय मंत्री का पद रहा है। जोशी के इस्तीफे के बाद अब नए मुख्य सचेतक पद पर जल्द किसी विधायक को मौका मिलेगा।


सरकारी उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी को अब मुख्य सचेतक बनाए जाने की संभावना है। चौधरी गहलोत के खास माने जाते हैं। हालांकि इस पद के लिए दावेदारों की लंबी कतार है।


बजट सत्र के बीच मुख्य सचेतक के इस्तीफे के पीछे सियासी कारण

विधानसभा के बजट सत्र के बीच महेश जोशी का इस्तीफा मंजूर करने को 25 सितंबर की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। महेश जोशी पर 25 सितंबर को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर विधायक दल की पैरेलल बैठक बुलाने के लिए विधायकों को फोन करने के आरोप हैं।


इसके बाद धारीवाल, जोशी समेत तीन नेताओं को कांग्रेस अनुशासन समिति ने नोटिस जारी किए थे, जिनका जवाब दिया जा चुका है। अब अनुशासन समिति का फैसला आना बाकी है। सचिन पायलट ने दो दिन पहले ही 25 सितंबर की घटना के लिए जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा उठाया था।


देवस्थान मंत्री रावत ने भगवान से की गहलोत की तुलना

इधर विधानसभा में शुक्रवार को सांवलियाजी और नाथद्वारा मंदिर संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान देवस्थान और उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने सीएम अशोक गहलोत की तुलना भगवान से कर दी। इस पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए हंगामा कर दिया।


रावत ने कहा- मैं ईश्वरत की बात कर रही हूं और आप उछल रहे हैं। जब आदमी की आंख में आंसू आता है तो या तो ईश्वर पोंछता है या कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री गहलोत ने पोंछने का काम किया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ईश्वर कैसे हो सकते हैं, यह तुलना गलत है, इसे कार्यवाही से निकाला जाए। कांग्रेस विधायकों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया। बीजेपी और कांग्रेस विधायकों के बीच नोक-झोंक हुई, इससे हंगामे के हालात बन गए।


विधानसभा में हनुमान चालीसा, जय सियाराम की गूंज

इससे पहले सदन में हनुमान चालीसा की गूंज सुनाई दी। हिंदू धर्म की परिभाषा को लेकर मंत्री ममता भूपेश और राठौड़ के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस की ओर से राम की आस्था पर सवाल उठाने का आरोप लगाया तो महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने सदन में जय सियाराम के नारे लगाए। उपनेता प्रतिपक्ष और राजस्व मंत्री ने हनुमान चालीसा सुनाई।


मंत्री ममता भूपेश ने राजेंद्र राठौड़ से कहा- सांवलियाजी और नाथद्वारा मंदिर के दोनों बिलों पर तो बोलिए, दोनों बहुत महत्वपूर्ण बिल हैं। आप जैसे विद्वान व्यक्ति से ही उम्मीद करते हैं कि कम से कम इस पर तो बोलिए। आप तो उस बात को भूल ही गए।


राठौड़ ने कहा- मैं हर साल सांवलिया सेठ के दर्शन करने जाता हूं, नाथद्वारा भी जाता हूं। मैं आपकी तरह नास्तिक नहीं हूं, आस्तिक हूं। ममता भूपेश ने नास्तिक करने पर आपत्ति जताते हुए कहा- इसे डिलीट किया जाना चाहिए, मुझे किस आधार पर नास्तिक बोला। राठौड़ ने कहा कि आप नास्तिक हो।


भूपेश ने कहा कि मैं मेहंदीपुर बालाजी का तिलक माथे पर लगाकर आई हूं, मुझे नास्तिक कैसे बोला, मैं इनके जैसे दिखावे वाली आस्तिक नहीं हूं। बाद में सभापति ने सदन की कार्यवाही से इसे हटाने को कहा।



राठौड़ और मंत्री रामलाल ने सदन में सुनाया हनुमान चालीसा

राजेंद्र राठौड़ ने ममता भूपेश को चुनौती देते हुए कहा कि नास्तिक कहने पर माफी मांगता हूं। ये हनुमान चालीसा पढ़ कर सुना दें, मैं मान जाऊंगा। इसके बाद राजेंद्र राठौड़ ने हनुमान चालीसा की कुछ लाइनें पढ़कर सुनाईं। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा- आप सुना दीजिए और मैं भी सुना देता हूं। राठौड़ ने कल्ला से कहा कि आप तो सब जानते हैं। इसी बीच राजस्व मंत्री रामलाल जाट भी खड़े हुए और हनुमान चालीसा सुनाने लगे।


मंत्री ममता भूपेश ने लगाए जय सियाराम के नारे

सदन में धर्म और हिंदू की परिभाषा को लेकर मंत्री बीडी कल्ला की बीजेपी विधायकों से बहस हुई। इसी बीच मंत्री ममता भूपेश ने जय सियाराम के नारे लगाए।


राठौड़ बोले- केवल जय सियाराम करने से आप राम भक्त नहीं होंगे

राजेंद्र राठौड़ ने कहा- मंदिर माफी की जमीन के बारे में बीजेपी राज में 12 सितंबर 2018 को सर्कुलर जारी किया था। जिसमें मंदिर की मूर्ति को माइनर माना और यह कहा था कि मंदिर का पुजारी सब टीनेंट हो सकता है। देवस्थान के मंदिरों में पूजा पाठ करवाइए। केवल जय सियाराम करने से आप राम भक्त नहीं होंगे। आप रामसेतु तोड़ने वाले और राम की आस्था पर सवाल खड़े करने वाले लोग हैं।


सदन में हिंदू और धर्म की परिभाषा पर तनातनी

बिलों पर बहस के दौरान हिंदू और धर्म शब्द की परिभाषा को लेकर भी तनातनी हो गई। बीडी कल्ला ने कहा कि आप बताइए धर्म की परिभाषा क्या होती है, हिंदू की क्या परिभाषा है बता दीजिए।


बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि जो जन्मभूमि कर्मभूमि में आस्था रखे वह हिंदू है, हिंदू एक जीवनशैली है। मंत्री बीडी कल्ला ने कहा यह परिभाषा गलत है। जिसका शास्त्र में विश्वास है, जो पुनर्जन्म में विश्वास रखता है, जो गोपूजक है वह हिंदू है, करपात्री महाराज ने यह कहा है, जीवनशैली सबकी अलग-अलग है।

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