लोकल न्यूज़: विश्व भारती यूनिवर्सिटी के इवेंट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पहुंचे मोदी...कही ये बड़ी बात
लोकल न्यूज़ - विश्व भारती यूनिवर्सिटी के इवेंट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पहुंचे मोदी...कही ये बड़ी बात
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Updated on: 24-Dec-2020 12:01 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल की विश्वभारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विश्वभारती के लिए गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है। मोदी के 34 मिनट के भाषण की अहम बातें पर्यावरण संरक्षण में भारत की अहम भूमिका:मोदी ने कहा- इस संस्था को इस ऊंचाई पर पहुंचाने वाले हर व्यक्ति को मैं आदर पूर्वक नमन करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं। भारत आज इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा है। भारत इकलौता देश है जो पेरिस एकॉर्ड के तहत सही मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। भक्ति युग में संत-महंतों ने देश में चेतना जगाई:स्वतंत्रता आंदोलनों की नींव बहुत पहले रखी गई थी। आजादी के आंदोलन को पहले से चले आ रहे कई आंदोलनों से ऊर्जा मिली। भक्ति युग में भारत के हर क्षेत्र में संतों, महंतों ने देश की चेतना के लिए अविराम प्रयास किया। गुरुदेव का विजन था- जो भारत में सर्वश्रेष्ठ, उससे दुनिया को फायदा हो:वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी। वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी। उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे। आत्मनिर्भर अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग:आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए- विश्व-भारती। मां भारती और विश्व के साथ समन्वय। विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है। आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है। ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है। 1921 में हुई थी स्थापना:1921 में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती देश की सबसे पुरानी सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। मई 1951 में इसे एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूशन ऑफ नेशनल इंपॉर्टेंस घोषित किया गया था। PM 2 महीने में 5 यूनिवर्सिटीज में प्रोग्राम में शामिल हो चुके:
19 अक्टूबर को मोदी ने मैसूर यूनिवर्सिटी के शताब्दी दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। 1916 में बनी इस यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में मोदी ने युवाओं को शिक्षा और दीक्षा का सही मतलब समझाया था।
12 नवंबर को JNU के एक कार्यक्रम में भाग लिया। स्वामी विवेकानंद की मूर्ति अनावरण समारोह में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नेशन फर्स्ट का नारा देते हुए युवाओं को संदेश दिया कि विचारधारा बाद में है, देश पहले है।
21 नवंबर को गांधीनगर की दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के आठवें दीक्षांत समारोह में 2600 छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा देते हुए उनसे देश के विकास में योगदान देने की अपील की।
25 नवंबर को लखनऊ यूनिवर्सिटी के 100 साल पूरे होने के कार्यक्रम में भाग लेते हुए युवाओं को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
22 दिसंबर को मोदी ने CAA के खिलाफ आंदोलन को लेकर चर्चा में रही उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया था। उन्होंने एजुकेशन सेक्टर में किए गए कामों को गिनाया। साथ ही कहा कि आप किस मजहब में पले हैं, इससे बड़ी बात यह है कि हमारी आकांक्षाएं देश से कैसे जुड़ें।
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