PM Modi News: मंत्रियों को मोदी की नसीहत- सनातन पर जवाब सही से दें, इंडिया-भारत से बचें

PM Modi News - मंत्रियों को मोदी की नसीहत- सनातन पर जवाब सही से दें, इंडिया-भारत से बचें
| Updated on: 06-Sep-2023 06:02 PM IST
PM Modi News: सनातन धर्म पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा कि उदयनिधि के बयान पर सही से जवाब देना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने शर्तों के साथ मंत्रियों को सनातन धर्म विवाद पर बोलने की छूट दी. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और इंडिया विवाद पर मंत्रियों से ना बोलने की हिदायत दी. पीएम ने ये भी कहा कि जिन मंत्रियों की जी-20 समिट में विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ ड्यूटी लगी है वो उस देश की संस्कृति, रहन सहन की भी जानकारी की तैयारी पहले से ले लें.

उदयनिधि ने क्या कहा था?

बता दें कि तमिलनाडु के युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि ने 2 सितंबर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस संक्रमण, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की वकालत की थी.

उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि ‘सनातन धर्म लोगों को धर्म और जाति के आधार पर विभाजित करता है. सनातन धर्म का समूल नाश दरअसल मानवता और समानता को बनाए रखने के हित में होगा. इस टिप्पणी के बाद उदयनिधि निशाने पर हैं. हालांकि, उदयनिधि ने बाद में दावा किया था, उन्होंने सनातन धर्म के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा का कोई आह्वान नहीं किया है.

बीजेपी ने द्रमुक नेता के बयान की तुलना हिटलर के यहूदियों के चित्रण से की. बीजेपी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उदयनिधि स्टालिन की सोची समझी टिप्पणी नफरत फैलाने वाला भाषण है और सनातन धर्म का पालन करने वाली भारत की 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान है. पार्टी ने आरोप लगाया कि हिटलर ने जिस तरह यहूदियों का चित्रण किया और उदयनिधि स्टालिन ने जिस तरह से सनातन धर्म का वर्णन किया, उसके बीच एक भयानक समानता है.

क्या है इंडिया विवाद?

पीएम मोदी ने मंत्रियों को इंडिया विवाद पर ना बोलने की हिदायत दी है. दरअसल, जी20 मेहमानों के लिए होने वाले रात्रिभोज के निमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रेसीडेंट ऑफ भारत के तौर पर संबोधित किए गया. इसके बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार देश के दोनों नामों इंडिया और भारत में से इंडिया को बदलना चाहती है. बसपा प्रमुख मायावती ने इंडिया की जगह भारत नाम बदलने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, देश की भावना के साथ खिलवाड़ है. संविधान बदलने की कोशिश है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग की.

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