Asia Cup Trophy: आईसीसी मीटिंग से मोहसिन नकवी गायब, BCCI की चेतावनी से पाकिस्तान पर दबाव
Asia Cup Trophy - आईसीसी मीटिंग से मोहसिन नकवी गायब, BCCI की चेतावनी से पाकिस्तान पर दबाव
भारतीय क्रिकेट टीम को एशिया कप 2025 का खिताब जीते हुए एक महीने से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन और एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के प्रमुख मोहसिन नकवी ने अभी तक विजेता टीम को टूर्नामेंट की ट्रॉफी नहीं सौंपी है। यह स्थिति दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों के बीच तनाव का एक नया कारण बन गई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में एसीसी को एक आधिकारिक पत्र लिखकर ट्रॉफी को तत्काल मुंबई भेजने की मांग की थी, लेकिन नकवी अपने रुख पर अड़े हुए हैं। उनकी इच्छा है कि वह स्वयं बीसीसीआई के किसी प्रतिनिधि और भारतीय टीम के सदस्य को ट्रॉफी सौंपें, जो इस पूरे मामले को और भी जटिल बना रहा है।
ट्रॉफी विवाद और बढ़ता तनाव
एशिया कप 2025 का फाइनल सितंबर के अंत में खेला गया था, जिसमें भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम किया था। हालांकि, जीत के एक महीने से अधिक समय बाद भी ट्रॉफी भारतीय टीम तक नहीं पहुंच पाई है। यह असामान्य देरी क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बनी हुई है और मोहसिन नकवी का यह अड़ियल रवैया कि वह व्यक्तिगत रूप से ही ट्रॉफी सौंपेंगे, बीसीसीआई को नागवार गुजरा है। बीसीसीआई का मानना है कि ट्रॉफी विजेता टीम को तुरंत मिलनी चाहिए, और इस तरह की देरी अनावश्यक है। इस पूरे घटनाक्रम ने भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों में पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है, जिससे भविष्य में दोनों देशों के बीच क्रिकेट आयोजनों पर भी असर पड़ने की आशंका है।आईसीसी बैठक में अनुपस्थिति का अनुमान
दुबई में चल रही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की कार्यकारी बोर्ड की चार दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नकवी का पहुंचना मुश्किल माना जा रहा है और उनकी संभावित अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर तब जब बीसीसीआई इस बैठक में एशिया कप ट्रॉफी को भारत को सौंपने में हो रही देरी का मामला उठाने वाला है। पीसीबी के सूत्रों के अनुसार, नकवी की अनुपस्थिति का मुख्य कारण घरेलू राजनीतिक मुद्दे बताए जा रहे हैं, जिनके चलते उन्हें पाकिस्तान में ही रहना पड़ रहा है। हालांकि, कई पर्यवेक्षक इसे बीसीसीआई के संभावित दबाव से बचने की रणनीति के रूप में भी देख रहे हैं।पीसीबी का प्रतिनिधित्व
मोहसिन नकवी की अनुपस्थिति में, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का प्रतिनिधित्व बोर्ड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) सुमैर सैयद करेंगे। सैयद मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक में भाग लेंगे और यदि नकवी दुबई नहीं पहुंच पाते हैं,। तो वह 7 नवंबर को होने वाली अहम बोर्ड मीटिंग में भी पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। यह स्थिति पीसीबी के लिए थोड़ी असहज हो सकती है, क्योंकि चेयरमैन की अनुपस्थिति में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा होगी। हालांकि, नकवी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल होने की संभावना भी बनी हुई है, जिससे वह कम से कम दूर से ही सही, अपनी बात रख सकें।एशिया कप फाइनल का घटनाक्रम
यह विवाद एशिया कप फाइनल के बाद ही शुरू हो गया था। विजेता भारतीय खिलाड़ियों ने फाइनल के बाद मोहसिन नकवी के हाथों से ट्रॉफी स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। खिलाड़ियों का यह फैसला नकवी के भारत विरोधी बयानों से जुड़ा बताया जाता है, जिन्होंने अतीत में कई बार भारत के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणियां की थीं। इस घटना के बाद, नकवी ट्रॉफी को अपने साथ लेकर चले गए थे और उन्होंने अभी तक टीम इंडिया को ट्रॉफी नहीं दी है। यह घटनाक्रम क्रिकेट के मैदान पर खेल भावना के विपरीत माना जा रहा। है और इसने दोनों देशों के बीच कड़वाहट को और गहरा कर दिया है।नकवी की दोहरी भूमिका और पूर्व अनुपस्थिति
मोहसिन नकवी सिर्फ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं। उनकी यह दोहरी भूमिका अक्सर उनके क्रिकेट से जुड़े फैसलों पर राजनीतिक प्रभाव डालती रही है। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले साल जय शाह के आईसीसी चेयरमैन चुने जाने के बाद से उन्होंने किसी भी आईसीसी मीटिंग में शिरकत नहीं की है और उनकी लगातार अनुपस्थिति और इस बार की संभावित गैरमौजूदगी, क्रिकेट कूटनीति में पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाती है। बीसीसीआई इस बात को भी आईसीसी के सामने रख सकता है कि नकवी की लगातार अनुपस्थिति एसीसी और आईसीसी के कामकाज को प्रभावित कर रही है।बीसीसीआई की संभावित कार्रवाई
बीसीसीआई इस मामले को आईसीसी की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में गंभीरता से उठाने वाला है। भारतीय बोर्ड मोहसिन नकवी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकता है, क्योंकि ट्रॉफी को एक महीने से अधिक समय तक रोके रखना खेल के नियमों और परंपराओं के खिलाफ है। बीसीसीआई का मानना है कि यह न केवल भारतीय टीम का अपमान है, बल्कि यह एसीसी के नियमों का भी उल्लंघन है। ट्रॉफी अभी भी दुबई स्थित एसीसी मुख्यालय में ताला लगाकर रखी हुई है, जो इस विवाद को और भी अजीबोगरीब बना रहा है। आईसीसी की बैठक में इस मुद्दे पर गरमागरम बहस होने की संभावना है, और। यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट निकाय इस अभूतपूर्व स्थिति से कैसे निपटता है। यह विवाद भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।