देश: भारत में डराने लगा मंकीपॉक्स, पूनावाला ने बताया कब आएगी इसकी वैक्सीन

देश - भारत में डराने लगा मंकीपॉक्स, पूनावाला ने बताया कब आएगी इसकी वैक्सीन
| Updated on: 27-Jul-2022 07:49 AM IST
New Delhi : दुनियाभर में कहर बरपाने वाले खतरनाक कोरोना वायरस का अभी पूरी तरह से द एंड नहीं हुआ कि मंकीपॉक्स नाम की बीमारी ने देश में दस्तक दे दी है। एक तरफ दुनिया के 75 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के केस मिल चुके हैं। ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित होने के बाद भारत में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को अलर्ट जारी कर दिया है। इसी बीच वैक्‍सीन निर्माता अदार पूनावाला ने बताया है कि भारत में इसकी वैक्सीन कब आएगी।

सीरम की बातचीत डेनमार्क से चल रही

दरअसल, वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया है कि सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया मंकीपॉक्‍स का एक मैसेंजर वैक्‍सीन विकसित करने के लिए नोवावैक्‍स से बात कर रहा है। फिलहाल वह आपात स्थिति में स्‍फिलहाल मालपॉक्‍स के टीकों को थोक में आयात करने की संभावना तलाश रहे हैं। डेनमार्क के कंपनी बावेरियन नॉर्डिक से स्‍मालपॉक्‍स की वैक्‍सीन तीन माह में भारत में आ सकती है।

वैक्‍सीन बनाने की प्रक्रिया थोड़ी लंबी

उन्होंने यह भी बताया कि सीरम इंस्‍टीट्यूट के पास लाइसेंस के तहत थोक में स्‍मालपॉक्‍स के वैक्‍सीन बनाने की क्षमता है। हमें यह भी देखने की जरूरत है कि क्‍या इसकी वैक्सीन की बहुत अधिक मांग होगी या फिर तीन से चार माह में यह खत्‍म हो जाएगा। क्योंकि एक वैक्‍सीन बनाने की प्रक्रिया कई बार लंबी हो जाती है और इसमें एक वर्ष से अधिक का समय लग सकता है।

कोरोना वैक्सीन से अलग मंकी पॉक्स की वैक्सीन

पूनावाला ने यह भी बताया कि मंकीपॉक्‍स की वैक्‍सीन कोरोना की वैक्‍सीन से अलग है। इसमें विभिन्‍न प्रकार की टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल किया जाता है। फिलहाल हमारे पास इसकी वैक्सीन नहीं है लेकिन हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। बता दें कि पूनावाला का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देशभर में मंकीपॉक्स को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है।

उधर दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में मंगलवार को मंकीपॉक्स के लक्षण वाले एक और संदिग्ध मरीज को भर्ती किया गया है। यह मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में बुखार और त्वचा पर दानों के लक्षण के साथ आया था। मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में हजारों लोगों को संक्रमित करने के बाद यह बीमारी भारत आई है और देश के कई शहरों में इससे लड़ने की तैयारी की जा रही है।

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