दिल्ली: प्रत्येक आरोपी के दस से अधिक नाम, 50 से अधिक बैंकों और फाइनेंस कंपनी के साथ धोखाधड़ी
दिल्ली - प्रत्येक आरोपी के दस से अधिक नाम, 50 से अधिक बैंकों और फाइनेंस कंपनी के साथ धोखाधड़ी
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Updated on: 24-Dec-2020 06:10 PM IST
Delhi: राजधानी दिल्ली में, सिंधी कैंप पुलिस स्टेशन ने एक बड़ी कार्रवाई में, ऐसे लोगों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिन्होंने फर्जी नामों से फर्जी बैंक खाते खोलकर करोड़ों रुपये के लोन और वाहन खरीदे थे। पुलिस ने गिरोह के दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में सत्येंद्र देशवाल और राज सिंह ठाकुर हैं। पुलिस ने फर्जी तरीके से कर्ज लेकर आरोपियों के पास से करीब 4 लग्जरी कार, लैपटॉप, दर्जनों मोबाइल और अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस पूछताछ में गिरोह ने 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने की बात कबूल की है। थाना प्रभारी गुंजन सोनी के अनुसार, सिंधी कैंप थाने में एसबीआई शाखा के प्रबंधक की ओर से मुकदमा दायर किया गया था कि एक व्यक्ति ने वित्त कंपनी के माध्यम से दस्ते के दस्तावेजों की एफआईआर कराकर कर्ज लिया था। एक कपटपूर्ण तरीका। पीड़ित की शिकायत पर, पुलिस ने एक मामला दर्ज किया और पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया।इनमें नीतीश उर्फ राजपाल उर्फ संजय कुमार उर्फ मन्नन राय उर्फ सुधीर उर्फ दुर्गा उर्फ रोहित उर्फ मोहित उर्फ दिनेश उर्फ मनोज उर्फ संदीप उर्फ बेलगामुला उर्फ अंकित चावला के नाम सामने आए हैं। अन्य बदमाशों के नाम राज सिंह ठाकर, संदीप कुमार उर्फ राजेश चौधरी उर्फ श्रीनिवास विलांगदुला हैं।आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि आरोपी अब तक एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक, यश बैंक, बजाज फाइनेंस, होम क्रेडिट फाइनेंस, बैंक ऑफ बड़ौदा, टाटा फाइनेंस, फॉक्सवैगन फाइनेंस और 50 से अधिक घटनाओं का उत्पादन कर चुका है और 50 से अधिक फर्जी दस्तावेज। ऐसा करने के बाद, उसने 5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह आधार कार्ड, आईडी कार्ड सहित अन्य सभी दस्तावेजों को जाली करके अपना नाम, पहचान और पता बदल लेते हैं। इन दस्तावेजों के जरिए बदमाश फाइनेंस कंपनियों के साथ धोखाधड़ी के मामले करते हैं।अब तक, उपद्रवियों ने राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश और हरियाणा के 50 से अधिक राज्यों में धोखाधड़ी के मामलों को अंजाम देना कबूल किया है। हालांकि, बदमाशों से पूछताछ के बाद पुलिस ने फाइनेंस कंपनियों के एजेंटों की मिलीभगत का पता लगाकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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