उत्तराखंड: नैनीताल में भारी बारिश के बीच ओवरफ्लो हुई नैनी झील; सड़कों पर आई बाढ़, घरों में घुसा पानी

उत्तराखंड - नैनीताल में भारी बारिश के बीच ओवरफ्लो हुई नैनी झील; सड़कों पर आई बाढ़, घरों में घुसा पानी
| Updated on: 19-Oct-2021 05:25 PM IST
नैनीताल: करीब चौदह घंटों से लगातार जारी बारिश ने अक्टूबर में नैनीझील के जलस्तर के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। सिंचाई विभाग के अनुसार शाम करीब पांच बजे तक नैनीताल में 200 मिमी बारिश दर्ज हो चुकी थी। जिस कारण झील का जलस्तर पर 12.2 फीट के ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड को पार कर गया। जिससे झील का पानी ओवरफ्लो होकर माल रोड तक पहुंच गया।

इससे पहले अक्तूबर 1998 में सबसे अधिक 106 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। तब जलस्तर 11.5 फीट पहुंचने पर झील का पानी ओवरफ्लो हुआ था। सोमवार दोपहर 11 बजे ही नैनीझील का जलस्तर अपने अधिकतर स्तर को पार कर गया। जिसके बाद झील के गेटों से पानी की निकासी बलियानाल में कर दी गई। पूरे दिन झील के गेट खुले रहे पर मूसलाधार बारिश के कारण जलस्तर 12 फीट से कम होने का नाम नहीं ले रहा था।

शाम के समय स्थित यह हो गई कि नैनी झील का पानी माल रोड तक पहुंच गया। जिस कारण झील की मछलियां सड़क किनारे तक पहुंचने लगीं। अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग कृष्ण चंद चौहान ने बताया कि अक्तूबर माह में इतनी अधिक बारिश 1998 के बाद अब रिकॉर्ड की जा रही है। झील के गेट खोलकर पानी की निकासी कर रहे हैं।

नैना देवी मंदिर सहित झील किनारे के इलाके पानी में डूबे

झील ओवरफ्लो होने से नैना देवी मंदिर, गुरुद्वारा सहित नैनीताल डाट पर माल रोड का काफी हिस्सा पानी में डूब गया है। झील के निकासी गेटों को पूरी क्षमता से खोल दिया गया था, फिर भी लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण पानी नयना देवी मंदिर परिसर के भीतर तक घुस गया है। परिसर में पानी की तलैया बनने से मंदिर प्रबंधन और आसपास के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। 

नैनीताल की ओर वाहनों की आवाजाही रोकी

जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने बताया कि नैनीताल की ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। झील किनारे रह रहे सभी लोगों को अलर्ट किया गया है। संबंधित अधिकारी राहत कार्य में जुटे हैं। शहर के तीनों मार्गों को खुलवाने के लिए जेसीबी भेजी गई है।

उफान पर नैनीताल के नाले

मूसलाधार बारिश के कारण नैनीताल के सभी नाले पूरे दिन उफान पर रहे। यहां घूमने आए पर्यटक मौसम का यह रूप देखकर पूरे दिन होटलों में दुबके रहे। पर्यटक वाहनों को पहाड़ की ओर भी नहीं जाने दिया गया। नैनीताल के लोग भी घरों में ही दुबके रहे। सरकारी कार्यालयों में भी पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा।

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