NASA का दावा: 2 नवंबर तक धरती से टकराएगा विशालकाय उल्कापिंड, प्रलय की 40 प्रतिशत संभावना

NASA का दावा - 2 नवंबर तक धरती से टकराएगा विशालकाय उल्कापिंड, प्रलय की 40 प्रतिशत संभावना
| Updated on: 24-Aug-2020 01:08 PM IST
हटके डेस्क: साल 2020 अपने जुल्म खत्म करने को तैयार ही नहीं हो रहा। एक के  बाद एक कई मुसीबतें आती ही जा रही है। अब नासा ने जो लेटेस्ट खबर दी है, वो साल के अंत तक आने वाली बड़ी मुसीबत का संकेत है। नासा ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने तक पृथ्वी से एक बड़ा उल्कापिंड टकराएगा। ये उल्कापिंड तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना 3 नवंबर तक है। यानी तब तक डोनाल्ड ट्रंप और जोए बिडेन के बीच टकराव के नतीजे आ जाएंगे। नासा के डाटा के मुताबिक, इस उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने के चालीस प्रतिशत चान्सेस हैं। अगर ऐसा होगा तो पृथ्वी पर तबाही आ जाएगी। 

स्पेस रॉक - जिसका नाम 2018VP1 भी है, उसकी 2 नवंबर को पृथ्वी के पास से गुजरने की भविष्यवाणी की गई है। यानी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जो 3 नवंबर को आने वाले हैं, उसके एक दिन पहले।  

अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि इस उल्कापिंड के तीन संभावित प्रभाव थे लेकिन, 12.968 दिनों में किये 21 ऑब्जर्वेशन के आधार पर ये साफ़ हुआ है कि इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना 40 प्रतिशत है। ये खबर एक हफ्ते पहले एक कार जितने बड़े उल्कापिंड के पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरने के ठीक बाद आई है। नासा ने इस उल्कापिंड को पृथ्वी की तरफ आते ही नहीं देखा था।  

बता दें कि एक हफ्ते पहले 2020QG नाम का एक उल्कापिंड 16 अगस्त को दक्षिणी हिंद महासागर के ऊपर सिर्फ 1,830 मील की दूरी पर उड़ गया। यह अभी तक पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरने वाला उल्कापिंड था। लेकिन नासा की नजर इसपर नहीं पड़ी थी। जब ये पृथ्वी के नजदीक आया तब इसपर उनका ध्यान गया था।  

2018VP1 इस साल के अंत में पृथ्वी से टकरा सकता है। इसे पहली बार दो साल पहले कैलिफोर्निया में पालोमर ओब्सर्वेटरी में पहचाना गया था। हालांकि, छोटे साइज की वजह से (लगभग दो मीटर, 6.5 फीट) इसे 'संभावित खतरनाक वस्तु' नहीं माना जा रहा है।

संभावित रूप से खतरनाक वस्तुएं - आमतौर पर नासा द्वारा पहचाने गए वो उल्कापिंड होते हैं,जिनके पास एक कक्षा है जो उन्हें पृथ्वी के करीब ले जा रही है, और जो ग्रह को हिट करने पर महत्वपूर्ण क्षेत्रीय क्षति का कारण बनने के लिए पर्याप्त हैं।

जैसा कि 16 अगस्त को पार हुआ उल्कापिंड। 2020QG को व्यास में 2.9m और 6.4m के बीच मापने का अनुमान लगाया गया था, जिससे यह लगभग एक कार के समान आकार का था। अगर ये पृथ्वी से टकराता तो महाप्रलय आ जाता। 

नासा नियमित रूप से उल्कापिंड पर नजर रखती है। कौन सा उल्कापिंड कहां से आ रहा है इसपर कड़ी नजर रखी जाती है। लेकिन 2020QG उनकी नजर से चूक गया था। बिज़नेस इनसाइडर से बात करते हुए, नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज़ के निदेशक, पॉल चोडास ने खुलासा किया था कि उन्होंने इसे आते हुए नहीं देखा। 

साथ ही उन्होंने कहा कि नासा की गणना से पता चलता है कि यह उल्कापिंड 45 डिग्री से बदल गया था। इसलिए यह हमारे ग्रह द्वारा आ गया। यानी अंतरिक्ष से इसका पृथ्वी के नजदीक से गुजरने का कोई चांस नहीं था। 

बता दें कि अगर कोई उल्कापिंड पृथ्वी के लिए टकराव के पाठ्यक्रम पर पाया जाता है, तो टकराव को रोकने के लिए नासा के पास कई तरीकें होते हैं। वो अंतरिक्ष में ही किसी बड़े चीज से उल्कापिंड को टकरा कर उसका रास्ता बदल देते हैं। 

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