NASA Parker Solar Probe: NASA के पार्कर ने रचा इतिहास, पहली बार सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचा पार्कर

NASA Parker Solar Probe - NASA के पार्कर ने रचा इतिहास, पहली बार सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचा पार्कर
| Updated on: 24-Dec-2024 07:30 PM IST
NASA Parker Solar Probe: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का सोलर प्रोब पार्कर (Parker Solar Probe) ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। मंगलवार शाम 5:10 बजे यह स्पेसक्राफ्ट सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचा, जो मानवता द्वारा बनाए गए किसी भी यान का अब तक का सबसे करीब का सामना है। यह यान सूर्य से मात्र 61 लाख किमी की दूरी से गुजरा, जो पिछले रिकॉर्ड की तुलना में लगभग सात गुना ज्यादा नजदीक है।

6.9 लाख किमी प्रति घंटा की गति

जब यह यान सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचा, तब इसकी गति 6 लाख 92 हजार 17 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो इसे अब तक बनाए गए किसी भी मानव निर्मित वस्तु की तुलना में सबसे तेज बनाती है। यह अभूतपूर्व गति और यान की क्षमताएं इसे अंतरिक्ष अन्वेषण का अद्वितीय मिशन बनाती हैं।

अद्वितीय तापमान सहने की क्षमता

पार्कर सोलर प्रोब को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है ताकि यह अत्यधिक गर्मी सह सके। यह यान 1371 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहने में सक्षम है। सूर्य के नजदीक जाते समय इसका तापमान लगभग 982 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। यह स्पेसक्राफ्ट सूर्य के उस क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है जिसे वैज्ञानिक पेरिहेलियन कहते हैं।

सोलर मैक्सिमम के दौरान महत्वपूर्ण जानकारियां

इस समय सूर्य अपनी सबसे सक्रिय अवस्था, जिसे सोलर मैक्सिमम कहते हैं, में है। इस दौरान सूर्य से निकलने वाले सौर तूफानों और चुंबकीय गतिविधियों का अध्ययन करने का यह यान एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है। हालांकि, फिलहाल यह यान नासा के संपर्क से बाहर है, लेकिन 27 दिसंबर को यह पुनः संपर्क स्थापित करेगा और अपनी महत्वपूर्ण जानकारी नासा को भेजेगा।

अगले साल फिर सूर्य के करीब जाएगा

नासा की योजना है कि यह यान अगले साल दो बार फिर सूर्य के नजदीक जाएगा। हालांकि, इस बार यह सूर्य से कितनी दूरी तक पहुंचेगा, इसकी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

मिशन की शुरुआत और प्रगति

पार्कर सोलर प्रोब मिशन को 2018 में लॉन्च किया गया था। यह मिशन अब तक का सबसे तेज गति से चलने वाला मिशन है। लॉन्चिंग के केवल 85 दिन बाद यह सूर्य की कक्षा में पहुंच गया था। इसे अपने पूरे मिशन के दौरान कुल 24 बार सूर्य के चक्कर लगाने थे, जिनमें से अब तक यह 22 चक्कर पूरे कर चुका है।

अंतरिक्ष विज्ञान में नई दिशा

यह मिशन न केवल सूर्य की सतह के करीब जाकर उसके रहस्यों को उजागर करने में मदद करेगा, बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में मानवता की क्षमताओं को भी नए आयाम देगा। पार्कर सोलर प्रोब की सफलता यह दर्शाती है कि भविष्य में और भी जटिल और चुनौतीपूर्ण अंतरिक्ष मिशन संभव हैं।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने मानवता को ब्रह्मांड के एक और कदम करीब ला दिया है। नासा का यह प्रयास विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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