देश: नेशनल हेराल्ड के फैसले मोतीलाल वोरा के लेने के सबूत नहीं, ED का दावा

देश - नेशनल हेराल्ड के फैसले मोतीलाल वोरा के लेने के सबूत नहीं, ED का दावा
| Updated on: 05-Aug-2022 04:09 PM IST
New Delhi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के करीबी सूत्रों ने कहा है कि पूछताछ के लिए बुलाए गए कांग्रेस नेताओं (सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत) में से किसी ने भी यह साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं दिया कि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े सभी वित्तीय लेनदेन स्वर्गीय मोती लाल वोरा द्वारा नियंत्रित किए गए थे।

मोती लाल वोरा कांग्रेस पार्टी के सबसे लंबे समय तक कोषाध्यक्ष रहे। उनका साल 2020 में निधन हो गया था। दरअसल, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी से पूछताछ के दौरान कहा था कि एजेएल और यंग इंडिया लिमिटेड से जुड़े सभी वित्तीय लेन-देन मोती लाल वोरा ही देखा करते थे।

ईडी सूत्रों का कहना है कि जब राहुल गांधी से वित्तीय पहलुओं के बारे में पूछताछ की गई तो उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी लेनदेन वोरा द्वारा किए जाते हैं। ईडी के सामने राहुल और सोनिया के अलावा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन कुमार बंसल ने भी यही नाम लिया था लेकिन, ये सभी नेता बैठक से संबंधित दस्तावेज पेश करने में विफल रहे, अगर ऐसी कोई बैठक हुई।

सूत्रों ने यह भी कहा कि ईडी के पास खड़गे को बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था जब संसद सत्र चल रहा था क्योंकि वह यंग इंडियन के एकमात्र कर्मचारी हैं। बता दें कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत दिल्ली में कांग्रेस के स्वामित्व वाले अखबार नेशनल हेराल्ड के परिसर में स्थित यंग इंडियन के कार्यालय को अस्थायी रूप से सील कर दिया है।

यंग इंडियन-एजेएल डील क्या है?

भाजपा नेता और अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में एक निचली अदालत के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में कुछ कांग्रेस नेता धोखाधड़ी में शामिल थे।

नेशनल हेराल्ड 1938 में अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित एक समाचार पत्र था। अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया गया था। 2008 में, AJL 90 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के साथ बंद हो गई। सुब्रमण्यम स्वामी का दावा है कि YIL ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए “दुर्भावनापूर्ण” तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को “अधिग्रहित” किया।

मोतीलाल वोरा तब एआईसीसी के कोषाध्यक्ष थे और एजेएल मामलों में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्होंने जनवरी 2008 में एजेएल समूह के नेशनल हेराल्ड अखबार को बंद करने की घोषणा करने वाले समझौते पर भी सह-हस्ताक्षर किए थे।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।