India-Nepal: नेपाल ने भारत से संबंध को लेकर कही बड़ी बड़ी बात, रिश्तो में कम करना चाहते है खटास

India-Nepal - नेपाल ने भारत से संबंध को लेकर कही बड़ी बड़ी बात, रिश्तो में कम करना चाहते है खटास
| Updated on: 15-Oct-2020 02:41 PM IST
India-Nepal: भारत और नेपाल के बीच आये दिन नया विवाद खड़ा हो जाता है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बुधवार को कैबिनेट फेरबदल में देश के उपप्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल से रक्षा मंत्रालय का कार्यभार वापस ले लिया है। इस मामले से परिचित लोगों ने बताया कि माना जा रहा है कि यह कदम पड़ोसी देश भारत के साथ संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिश के तहत उठाया गया है। बता दें कि पिछले कुछ समय से भारत और नेपाल के संबंधों में खटास आई हुई है।

अब प्रधानमंत्री ओली खुद इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब तीन नवंबर को भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे नेपाल के दौरे पर जाने वाले हैं। पोखरेल को प्रधानमंत्री कार्यालय से जोड़ा गया है। नेपाली मीडिया ने कहा कि इसका मतलब है कि वे बिना किसी पोर्टफोलियो वाले मंत्री बने रहेंगे।

इस साल मई में जनरल नरवणे ने तिब्बत में कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए लिपुलेख तक बनाई जाने वाली सड़क पर नेपाल की तीखी प्रतिक्रिया में चीन की भूमिका की ओर संकेत किया था। उस समय ईश्वर पोखरेल ने दशकों से भारतीय सेना के अभिन्न अंग गोरखा सैनिकों को भड़काने की कोशिश की थी।

पोखरेल ने कहा था, 'जनरल नरवणे की टिप्पणी ने नेपाली गोरखा सेना के जवानों की भावनाओं को आहत किया है, जो भारत की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं।' उन्होंने यह दावा किया था कि भारतीय सेना में शामिल गोरखा सैनिक जनरल नरवणे की टिप्पणी के बाद अपने वरिष्ठों का सम्मान नहीं करेंगे। इसके अलावा मंत्री ने कई अन्य आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थीं।

नेपाल पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि पोखरेल ने हाल ही में हिमालयी देश में जनरल नरवणे की तीन नवंबर को होने वाली यात्रा का विरोध किया था। वे चाहते थे कि दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद पर बातचीत की पहल भारत की तरफ से की जाए। पोखरेल को प्रधानमंत्री ओली के भरोसेमंद में से एक माना जाता है। वे चीन से चिकित्सा उपकरणों की खरीद को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

पोखरेल के अपने सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा के साथ भी संबंध ठीक नहीं है। जनरल थापा ने लिपुलेख पर मंत्री का साथ देने से उस समय मना कर दिया था जब मंत्री चाहते थे कि वे इसपर बयान जारी करें। काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल थापा कोविड-19 से लड़ने के लिए चिकित्सा उपकरणों की खरीद पर सशस्त्र बलों को इसमें खींचे जाने से नाराज थे।

नेपाली सेना के मानद जनरल बनेंगे नरवणे

जनरल एमएम नरवणे नवंबर के पहले हफ्ते में नेपाल का दौरा करेंगे। इस उच्चस्तरीय दौरे के दौरान नेपाल सरकार जनरल नरवणे को ‘जनरल ऑफ द नेपाल आर्मी’ की मानद रैंक देकर सम्मानित करेगी। दोनों देशों की सेनाओं के बीच मजबूत रिश्तों की पहचान के तौर पर दिया जाने वाला यह परंपरागत सम्मान एक समारोह में नेपाली राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जनरल नरवणे को देंगी। बता दें कि इस सम्मान की शुरुआत 1950 में की गई थी। भारत भी नेपाल सेना प्रमुख को ‘जनरल ऑफ इंडियन आर्मी’ की मानद रैंक देकर सम्मानित करता रहा है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।