New Education Policy 2020: मनीष सिसौदिया ने IIT-IIM को लेकर कही ये बात

New Education Policy 2020 - मनीष सिसौदिया ने IIT-IIM को लेकर कही ये बात
| Updated on: 01-Aug-2020 12:33 PM IST

नई दिल्ली. नई शिक्षा नीति (New Education Policy) की घोषणा होने के साथ ही चारों तरफ शिक्षाविदों से लेकर तमाम स्कूलों के टीचर्स और प्रिंसिपल ने भी अपनी राय दी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank) ने हालांकि, सारें शंकाओं का समाधान करने की कोशिश की. इसी कड़ी में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने भी अपनी राय जाहिर की है.


मनीष सिसौदिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को मल्टी डिसिप्लिनरी बनाने की बात कही गई है लेकिन ठीक नहीं है क्योंकि इससे गुणवत्ता में कमी आएगी. उन्होंने कहा, इसमें सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को मल्टी डिसिप्लिनरी बनाने की बात कही गई है. लेकिन आईआईटी को इंजीनियरिंग, आईआईएम को मैनेजमेंट, एम्स को मेडिकल और एफटीआईआई को ऐक्टिंग ही पढ़ाने देना चाहिए. ऐसे सस्थानों कई विषयों की पढ़ाई किया जाना देश के टैलेंट के लिए अच्छा नहीं होगा.


सिसौदिया ने कहा कि देश में कुछ संस्थान पहले से ही मल्टी डिसिप्लिनरी हैं और कुछ हैं जिसमें एक ही विषय की पढ़ाई होती है. यह सिस्टम काफी अच्छा कर रहा है. इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. सिसौदिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कुछ प्रोग्रेसिव चीजें भी हैं लेकिन उन्हें कैसे लागू किया जाए और उनका रोडमैप क्या होगा यह क्लियर नहीं है


इसके अलावा इसमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के बारे में भी कहा गया है. पॉलिसी में कहा गया है कि नई रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनाई जाएगी जो कि ओवर रेग्युलेशन को दिखाता है. आगे उन्होंने कहा, नई पॉलिसी में हम लोग आज भी बोर्ड परीक्षा करवा रहे हैं जो कि पूरी दुनिया में लगभग खत्म हो चुका है. हम लोगों को कुछ नयी सोचना चाहिए और लगातार मूल्यांकन करने की ओर ध्यान देना चाहिए.

मंत्री ने कहा, इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हर बच्चे को समान शिक्षा मिले. मतलब मेट्रो सिटी में एक बच्चे को जो शिक्षा मिलती है वही गांव के बच्चे को भी मिले. लेकिन सरकारी स्कूलों को कैसे बेहतर बनाया जाएगा. इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है. बल्कि यह प्राइवेट इन्स्टीट्यूट्स को बढ़ावा देने की बात करता है. इसका मतलब है कि सरकार अपने कर्त्तव्यों से भाग रही है


हालांकि, उन्होंने शिक्षा नीति में कुछ चीजों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि यह उन छात्रों के लिए अच्छी होगी जो लोग देश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा लेना चाहते हैं. दूसरी चीज़ अच्छी है कि आधारभूत शिक्षा बच्चों को उनकी मातृभाषा में दी जाएगी

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।