Jagdeep Dhankhar: नव-निर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की आज होगी ताजपोशी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी

Jagdeep Dhankhar - नव-निर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की आज होगी ताजपोशी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी
| Updated on: 11-Aug-2022 07:34 AM IST
Jagdeep Dhankhar: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) आज भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President of India) पद की शपथ लेंगे. दोपहर साढ़े बजे धनखड़ उपराष्ट्रपति पद की शपथ (Jagdeep Dhankhar Swearing-In Ceremony) ले सकते हैं. इससे पहले जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) का हराया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) नव-निर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी. शपथ लेते ही जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति बन जाएंगे. 

जगदीप धनखड़ के शपथ समारोह में राष्ट्रपति भवन के मानदंडों के अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. धनखड़ ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ा था. विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा से मुकाबले में धनखड़ ने शानदार जीत दर्ज की. उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 725 वोट डाले गए थे, जिनमें 710 वोट वैध माने गए जबकि 15 वोट अवैध करार दिए गए थे. जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे मार्गरेट अल्वा को 182 वोट ही मिल पाए थे. इस प्रकार धनखड़ ने बड़े अंतर से मार्गरेट अल्वा को शिकस्त दे दी थी.

ऐसे ही धनखड़ की पृष्ठभूमि

जगदीप धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू से एक किसान परिवार से आते हैं. पिता गोकुल चंद्र धनखड़ किसान थे. उनके पास राजनीति का करीब 30 वर्षों का अनुभव है. 1989 में वह सक्रिय राजनीति उतरे थे. धनखड़ पेशे से वकील भी है. कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वकालत शुरू कर दी थी और 1990 में राजस्थान हाईकोर्ट में वह सीनियर एडवोकेट बन गए. उन्होंने हाईकोर्ट से लेकर देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की. धनखड़ देश की गिनती देश के जाने-माने वकीलों में होती है. 

पहली बार वह जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से सांसद चुने थे. 1990 में चंद्र शेखर सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री की भी जिम्मेदारी मिल चुकी है. 1993 से 98 तक वह धनखड़ विधायक भी रहे. भारत सरकार ने उन्हें 20 जुलाई 2019 को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया था. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद उन्होंने राज्यपाल के पद से इस्तीफ दे दिया था.

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