राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक: कोई मुसलमान आपसे नहीं डरता है, वो डरते हैं तो सिर्फ- कपिल सिब्बल
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक - कोई मुसलमान आपसे नहीं डरता है, वो डरते हैं तो सिर्फ- कपिल सिब्बल
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Updated on: 11-Dec-2019 05:33 PM IST
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कहा, 'कोई मुसलमान आपसे नहीं डरता है, हम डरते हैं तो सिर्फ संविधान से।' कपिल सिब्बल ने कहा कि बिल पेश करते समय एक बात कही गई थी जिस पर मुझे सख्त आपत्ति है। आपने कहा था कि देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। मुझे इसपर आपत्ति है। कोई मुसलमान आपसे नहीं डरता है। मैं इस देश का नागरिक हूं, आप से नहीं डरता हूं। मैं डरता हूं तो सिर्फ संविधान से। देश का मुसलमान डरता है तो सिर्फ संविधान से। कपिल सिब्बल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें पता है आपका लक्ष्य क्या है। ये मैं 2014 से जान रहा हूं। अनुच्छेद 370 का हटाया जाना, तीन तलाक, सीबीसी, एनआरसी और फिर एनआरसी।।। सब पता है। आप चाहते हैं लोगों को उसके नाम से पहचानना।इससे पहले नागरिकता संशोधन बिल पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने सदन में कहा कि जो बिल का समर्थन करेंगे वो देश भक्त होंगे और जो नहीं करेंगे वो देशद्रोही होंगे।।। ये मैंने पढ़ा है। ये भी पढ़ा कि जो बिल का विरोध कर रहे हैं वो पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। संजय राउत ने कहा कि ये पाकिस्तान की संसद नहीं है। ये भारत की है। हमारे मजबूत प्रधानमंत्री, हमारे मजबूत गृहमंत्री।।। आपसे बहुत आशा है। जिस स्कूल में आप पढ़ते हैं हम उसके मास्टर है। हम शरणार्थियों को शरण दे रहे हैं तो घुसपैठियों को निकालना चाहिए। मानवता के आधार पर हमें उन्हें स्वीकार करना चाहिए। उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री को पहले कश्मीरी मंडितों को वापस कश्मीर में बसाना चाहिए। संजय राउत को 5 मिनट का समय दिया गया था इस बिल पर बोलने के लिए लेकिन वो समय समाप्त हो जाने के बाद भी बोल रहे थे। शिव सेना नेता संजय राउत ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वो इस बिल के समर्थन में हैं या विरोध में। राज्यसभा के उपसभापति ने उन्हें बैठने के लिए कहा और बीएसपी के नेता सतीश चंद्र मिश्रा को बोलने के लिए कहा।इससे पहले संसद में टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि जो देश के लोग हैं उनका आप ख्याल रख नहीं रहे हैं और दूसरे के सम्मान की बात कर रहे हैं? बंगाल कोई गुजरात नहीं है। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि वादा करने में ज्यादा वादा तोड़ने में यह सरकार शानदार है। सरकार कहती है कि इस बिल को लेकर चिंता करने का कोई कारण है लेकिन मैं कहता हूं चिंता करने का कारण है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी के समय कहा कि आप मुझे 50 दिन दे दीजिए अगर हालात ठीक नहीं हुए तो आप मुझे सार्वजनिक जगह पर सजा दे दीजिएगा। लेकिन वो नहीं हुआ। डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि ये लोग झूठ बोलते हैं। जो कहते हैं वो नहीं करते, इसलिए इस बिल पर चिंता का कारण है।इससे पहले बीजेपी के जेपी नड्डा ने बिल के समर्थन में अपना पक्ष रखा। उन्होंने आनंद शर्मा पर तंज कसते हुए कहा कि वैसे वकील जिनके पास तर्क नहीं होते हैं वो मुद्दे की जगह दूसरी बातों का जिक्र करते रहते हैं। गांधी, सावरकर ने क्या कहा उससे ज्यादा जरूरी है इस बिल पर बात कीजिए। जेपी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र भी किया जिसमें उन्होंने वहां से आए शणार्थियों की स्थिति के विषय में सदन में कहा था।बिल के विरोध में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इस नागरिकता संशोधन बिल से पूरे देश में असुरक्षा की भावना भर गई है। लोगों के मन में आशंका है। अगर ऐसा है तो क्या पूरे भारत में डिटेंशन सेंटर बनेंगे? यह अन्याय होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यहां पुर्नजन्म पर विश्वास किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल अगर मोदी जी से मिलेंगे तो काफी नाराज होंगे। आनंद शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि गांधी जी का चश्मा सिर्फ विज्ञापन के लिए नहीं है।आनंद शर्मा ने सदन में बिल के विरोध में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि यह बिल भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। संविधान की प्रस्तावना में ही धर्मनिरपेक्षता का जिक्र है, यह उस मूल भावना के भी खिलाफ है। अपने भाषण के दौरान आनंद शर्मा ने महात्मा गांधी का जिक्र किया और कहा कि उनका कहना था कि मेरा घर ऐसा हो जहां कोई दीवार न हो, जहां सभी धर्म के अनुयायी हो। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नागरिक संशोधन बिल पेश करते हुए कहा कि यह बिल देश के मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे तीनों पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान इस्लामिक देश है। वहां मुस्लिम बहुलसंख्यक हैं। इसलिए जो नागरिकता संशोधन बिल पेश किया गया है उसमें हिंदू, सिख, जैन, बौध, पारसी और ईसाई को भारत की नागरिकता देने की बात की गई है। इस बिल के पास होने से इन समुदायों के लोगों को जो कि 31 दिसंबर, 2014 से पहले यहां रह रहे हैं उनको भारत की नागरिकता मिल जाएगी। जो नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं उनको मुक्ति मिल जाएगी।
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