Viral News: ना दांत, ना सर पर बाल, 18 साल की ये लड़की हो गई थी 144 की
Viral News - ना दांत, ना सर पर बाल, 18 साल की ये लड़की हो गई थी 144 की
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Updated on: 22-Jul-2021 03:35 PM IST
Delhi: हॉलीवुड सुपरस्टार ब्रैड पिट ने कुछ साल पहले एक फिल्म क्यूरियस केस ऑफ बेंजामिन बटन में काम किया था। इस फिल्म में ब्रैड का किरदार जब पैदा होता है तो बूढ़ा होता है और जब वो मरने वाला होता है तब वो एक नवजात शिशु में तब्दील हो जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी अशांति स्मिथ की है। इंग्लैंड के वेस्ट ससेक्स में रहने वाली स्मिथ दुनिया का सबसे दुर्लभ सिंड्रोम है। स्मिथ को हचिनसन गिलफॉर्ड प्रोगेरिया सिंड्रोम है जिसके चलते वे जब एक साल पूरा करती हैं तो उनका शरीर आठ साल अधिक हो जाता है। इसी के चलते 18 साल की स्मिथ का शरीर 144 साल के शख्स जैसा हो चुका है। 17 जुलाई को इस लड़की की मौत हो चुकी है। उनकी उम्र महज 18 साल थी लेकिन उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता कि वे 18 साल की युवा है। स्मिथ की जब मौत हुई तो उसके 33 साल के पिता शेन विकेन्स, उसकी मां और 25 साल की दोस्त कार्टराइट उसके साथ मौजूद थे। स्मिथ के अपनी मां को आखिरी शब्द थे- तुम्हें अब मुझे जाने देना होगा। स्मिथ की मां ने कहा कि प्रोगेरिया से उसकी मोबिलिटी पर फर्क पड़ा लेकिन लाइफ को लेकर उसके उत्साह में कोई फर्क नहीं आया। गंभीर सिंड्रोम होने के बावजूद वो अपनी परिस्थिति को लेकर विचलित नहीं थी। वो अपने दिल की बात हमें बताती थी। उसकी विलपावर बेहद स्ट्रॉन्ग थी। मैं उसे बहुत प्यार करती थी और उसने अपनी हिम्मत से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। हालांकि 144 साल का शरीर होने के बावजूद स्मिथ अपने दोस्तों के साथ रिलैक्स करती थी। मई के महीने में उसने अपना 18वां जन्मदिन मनाया था और इस दौरान उसने अपनी फेवरेट कॉकटेल ड्रिंक का आनंद भी उठाया था। वही इस मामले में बात करते हुए कार्टराइट ने कहा कि स्मिथ के जैसे हालात थे, उसके चलते वो कभी मानसिक तौर पर नकारात्मक फील नहीं करती थी। वो काफी नॉर्मल थी। उसका शरीर भले ही 100 साल से अधिक का था लेकिन दिल से वो 18 साल की ही थी। गौरतलब है कि ब्रैड पिट की फिल्म आने के बाद इस दुर्लभ कंडीशन प्रोगेरिया को बेंजामिन बटन कंडीशन भी कहा जाने लगा था। ये बेहद दुर्लभ सिंड्रोम है लेकिन किसी भी बच्चे में ये दो साल की उम्र से ही पता लगने लगता है। आमतौर पर इस सिंड्रोम में बच्चे के बाल झड़ जाते हैं, ग्रोथ रुक जाती है और आमतौर पर इस कंडीशन से जूझने वाले बच्चे 14 साल की उम्र में मर जाते हैं।
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