PAK: परमाणु परीक्षण के 22 साल बाद भी श्रेय को लेकर उलझा है पाकिस्तान, सरकार और विपक्ष के बीच 'तू-तू, मैं-मैं'

PAK - परमाणु परीक्षण के 22 साल बाद भी श्रेय को लेकर उलझा है पाकिस्तान, सरकार और विपक्ष के बीच 'तू-तू, मैं-मैं'
| Updated on: 28-May-2020 11:03 PM IST
Pakistan: पाकिस्तान द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण को गुरुवार को 22 साल पूरे हो गए। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी पाकिस्तान में यह तय नहीं हो सका है कि यह देश की उपलब्धि है या फिर इसका श्रेय किसी व्यक्ति विशेष और दल को दिया जाना चाहिए। इसकी बानगी परमाणु बम की सालगिरह पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं में देखने को मिली।

पाकिस्तान में 28 मई 1998 को परमाणु परीक्षण किया गया था। उस वक्त पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की सरकार थी और नवाज शरीफ प्रधानमंत्री थे। नवाज इस वक्त भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर जेल से बाहर हैं और लंदन में इलाज करा रहे हैं। इमरान खान के नेृतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी की सरकार उन्हें वापस लाकर जेल में डालने के सभी प्रयास कर रही है।

मरियम नवाज ने पिता नवाज शरीफ को दिया क्रेडिट

परमाणु परीक्षण दिवस (28 मई) को पाकिस्तान में यौम-ए-तकबीर के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर नवाज शरीफ की बेटी और उनकी पार्टी की नेता मरियम नवाज ने ट्वीट कर कहा, “यौमे तकबीर हर साल नवाज शरीफ की अपनी मिट्टी से वफा की दास्तां सुनाता है। सलाम है उस नवाज शरीफ पर जिसकी राह में कोई मुश्किल, कोई कुबार्नी रुकावट नहीं बन सकी।”

उन्होंने लिखा, “पूछो इस धरती की मिट्टी के एक एक कण से, इसकी नदियों में बहती पानी की एक-एक बूंद से कि किसने इस चमन को संवारा, किसने इसकी धरती-आसमान को सुरक्षित बनाया, जो सब कुछ कुबार्न कर भी वफादारी निभाता रहा....बस एक ही जवाब मिलेगा...नवाज शरीफ...नवाज शरीफ।”

इमरान सरकार की तरफ से पलटवार

जवाब में इमरान सरकार की तरफ से मोर्चा संभाला संघीय सूचना मंत्री शिबली फराज ने। उन्होंने कहा कि मरियम नवाज देश को एटमी ताकत बनाने के लिए एक पीढ़ी की मेहनत का श्रेय अपने खानदान को न दें।

उन्होंने मरियम के ट्वीट के जवाब में ट्वीट किया, “मरियम नवाज के नेतृत्व की वफादारी मिट्टी से नहीं बल्कि पैसे से है। इन वफदारियों की तस्वीरें तमाम जायदादों और भवनों (कथित भ्रष्टाचार से जुटाए गए) के रूप में दिख ही रही हैं।”

'नवाज शरीफ नहीं चाहते थे परमाणु परीक्षण करना'

पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी के एक अन्य नेता व पंजाब सरकार में मंत्री फैयाज चौहान ने तो यहां तक कहा कि नवाज शरीफ 'एटमी परीक्षण कराना ही नहीं चाहते थे। अंतरार्ष्ट्रीय दबाव में डालर लेकर इससे बचने का रास्ता ढूंढ रहे थे। पूर्व विदेश मंत्री गौहर अयूब ने अपनी किताब में इस पर पूरी जानकारी दी है। परमाणु परीक्षण का श्रेय शरीफ परिवार द्वारा लिया जाना बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसा है।'

चौहान ने उन लोगों के नाम बताए जिन्हें उनके हिसाब से परमाणु परीक्षण का श्रेय दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस सिलसिले में पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो, पूर्व राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक, पूर्व राष्ट्रपति गुलाम इसहाक खान व भौतिकविद् डॉ. अब्दुल कदीर खान का नाम लिया।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।