Russia-Ukraine War: 'तेल का ही तो घमंड है, दुनिया खरीदना ही बंद कर दे तो'- जेलेंस्की की पुतिन को चुनौती

Russia-Ukraine War - 'तेल का ही तो घमंड है, दुनिया खरीदना ही बंद कर दे तो'- जेलेंस्की की पुतिन को चुनौती
| Updated on: 24-Aug-2024 10:20 AM IST
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध, जो फरवरी 2022 से अनवरत है, के समाधान के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले महीने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस की यात्रा की और राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। अब, प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी मुलाकात की। मोदी ने दोनों देशों को शांति की राह अपनाने की सलाह दी और भारत इस दिशा में हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शुक्रवार को बयान दिया कि अगर भारत समेत दुनिया के अन्य देश रूस से रियायती दरों पर तेल खरीदना बंद कर दें, तो इससे पुतिन के सामने बड़ी आर्थिक चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से भारत ने रूस से तेल खरीदना बढ़ा दिया है, जो अब भारत के कुल तेल आयात का लगभग 40 प्रतिशत है। पश्चिमी देशों ने भारत के इस कदम की आलोचना की है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के शुरू होने से पहले भारत का रूस से तेल आयात बहुत कम था।

जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि पुतिन की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल पर निर्भर है और यदि तेल की बिक्री में कमी आई तो रूस की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रूस की ऊर्जा-आधारित अर्थव्यवस्था को लेकर पुतिन को गर्व है, और दुनिया के देशों द्वारा तेल की खरीद बंद करने से रूस को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

दुनिया के देश तेल खरीदना बंद कर दें तो

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारत समेत दुनिया के दूसरे देश रूस से रियायती दामों पर तेल खरीदना बंद कर दें तो पुतिन के सामने “बड़ी चुनौतियां” उत्पन्न हो जाएंगी। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद प्रतिबंध लगने के बावजूद भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जिसकी पश्चिमी देश आलोचना करते रहे हैं। भारत यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले रूस से एक प्रतिशत से भी कम तेल आयात करता था, जो अब बढ़कर भारत के कुल तेल आयात का लगभग 40 प्रतिशत हो गया है।

पुतिन को रूस के तेल पर है घमंड

भारत और रूस के बीच तेल के मामले में महत्वपूर्ण अनुबंधों की ओर इशारा करते हुए जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा, “पुतिन को अर्थव्यवस्था के बर्बाद होने का डर है, उनके पास तेल के अलावा कुछ नहीं है, उनकी मुख्य मुद्रा तेल ही है और उसी को लेकर उन्हें घमंड है। जेलेंस्की ने कहा कि उनके पास एक तरह की ऊर्जा-आधारित अर्थव्यवस्था है, और वे उसी का निर्यात करते हैं।” उन्होंने कहा कि अगर भारत समेत दुनिया के दूसरे देश रूस से रियायती दामों पर तेल खरीदना बंद कर दें तो उसके सामने “बड़ी चुनौतियां” उत्पन्न हो जाएंगी। 

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