Pakistan News: पाकिस्तानी एयर फोर्स ने पाकिस्तान में ही गिराए कई बम, 30 लोगों की मौत; कई घायल

Pakistan News - पाकिस्तानी एयर फोर्स ने पाकिस्तान में ही गिराए कई बम, 30 लोगों की मौत; कई घायल
| Updated on: 22-Sep-2025 05:43 PM IST

Pakistan News: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की तिराह घाटी में सोमवार को एक भयावह विस्फोट ने कम से कम 24 लोगों की जान ले ली, जिसमें आम नागरिक और आतंकवादी शामिल हैं। इस विस्फोट को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि प्रारंभिक जांच में इसे पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) द्वारा बम बनाने के लिए जमा किए गए विस्फोटक सामग्री से जोड़ा जा रहा है। साथ ही, स्थानीय नेताओं ने इस घटना के लिए पाकिस्तानी वायु सेना के हवाई हमलों को जिम्मेदार ठहराया है। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते आतंकवाद और सैन्य अभियानों के बीच तनाव को उजागर करती है।

विस्फोट का विवरण

यह विस्फोट खैबर पख्तूनख्वा के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में हुआ, जो लंबे समय से आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ रहा है। स्थानीय पुलिस के अनुसार, यह हादसा उस परिसर में हुआ जहां टीटीपी के सदस्य सड़क किनारे बम बनाने के लिए विस्फोटक सामग्री जमा कर रहे थे। इस विस्फोट में कम से कम 10 नागरिक, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, और 14 आतंकवादी मारे गए। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आस-पास के कई घर नष्ट हो गए, जिससे क्षेत्र में तबाही का मंजर फैल गया।

टीटीपी का ठिकाना और सुरक्षा बलों का अभियान

पुलिस अधिकारी जफर खान ने बताया कि यह परिसर टीटीपी के दो कमांडरों, अमन गुल और मसूद खान, द्वारा संचालित किया जा रहा था। इस स्थान को बम बनाने की फैक्ट्री के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। खान ने आरोप लगाया कि टीटीपी नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा था और अन्य जिलों की मस्जिदों में हथियार छिपा रहा था, जिससे आतंकवाद के खिलाफ अभियान जटिल हो गया है। टीटीपी, जो अफगान तालिबान से संबद्ध है, पूरे पाकिस्तान में हमलों की जिम्मेदारी लेता रहा है। माना जाता है कि इसके कई लड़ाके अफगानिस्तान में शरण लिए हुए हैं।

पाकिस्तानी सुरक्षा बल खैबर, बाजौर, और अन्य उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में टीटीपी के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं। हालांकि, इस विस्फोट और कथित हवाई हमलों ने स्थानीय समुदाय में गुस्सा और अविश्वास पैदा किया है।

स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया

खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय विधानसभा के सदस्य अब्दुल गनी अफरीदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे "मानवता के खिलाफ अपराध" करार दिया। उन्होंने पाकिस्तानी सरकार पर अपने ही नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। अफरीदी ने कहा, "तिराह अकाखेल में अगर हमारे रक्षकों ने निर्दोष बच्चों, युवाओं और महिलाओं को शहीद किया है, तो यह बर्बरता है।" उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों से पीड़ितों के लिए आवाज उठाने की अपील की।

अफरीदी ने हवाई हमलों को "राज्य का उत्पीड़न" बताते हुए कहा, "वह घाटी जहां कभी बच्चे हंसते-खिलखिलाते थे, अब उनकी लाशों से भरी है।" उन्होंने जवाबदेही और पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की, साथ ही इस घटना की पारदर्शी जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।

क्षेत्र में बढ़ता तनाव

यह विस्फोट और इसके बाद के विवाद उस जटिल स्थिति को दर्शाते हैं, जिसमें पाकिस्तान आतंकवाद से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है। एक ओर, सुरक्षा बल टीटीपी जैसे समूहों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, नागरिक हताहतों की बढ़ती संख्या स्थानीय समुदायों में असंतोष को बढ़ा रही है। तिराह घाटी में यह घटना न केवल सुरक्षा बलों की रणनीति पर सवाल उठाती है, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता की संभावनाओं को भी प्रभावित करती है।

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