Donald Trump: पाकिस्तानी PM शहबाज अमेरिका की चापलूसी क्यों करते हैं? जानिए 5 बड़ी वजह

Donald Trump - पाकिस्तानी PM शहबाज अमेरिका की चापलूसी क्यों करते हैं? जानिए 5 बड़ी वजह
| Updated on: 16-Oct-2025 03:20 PM IST
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ डोनाल्ड ट्रंप की तारीफों के पुल बांधकर अपने देश में ही निशाने पर आ गए हैं। गाजा शांति समिट के दौरान ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने की वकालत करने पर उन्हें सोशल मीडिया पर 'चापलूसी का बादशाह' कहा जा रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि पाकिस्तान को अमेरिका की इतनी जरूरत क्यों है? आइए जानते हैं इसकी 5 बड़ी वजहें।

आर्थिक संकट और मदद की आस

पाकिस्तान भीषण कंगाली से जूझ रहा है और उसे अमेरिका से आर्थिक मदद की उम्मीद रहती है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के पसनी बंदरगाह को विकसित करने का प्रस्ताव अमेरिका को दिया है। यह बंदरगाह चीन के ग्वादर बंदरगाह से मात्र 110 किलोमीटर दूर है और पाकिस्तानी खनिजों के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है। अमेरिका यहां 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है, जिससे पाकिस्तान अपने आर्थिक संकट से उबरने की आस लगाए है।

बाइडन कार्यकाल में बढ़ी दूरी कम करने की कोशिश

जो बाइडन के कार्यकाल में अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में दूरियां आ गई थीं। उस वक्त पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार थी, जिन्होंने सत्ता से। बेदखल होने पर अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाया था। अब शहबाज शरीफ इस दूरी को कम कर रिश्तों को फिर से सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

हथियारों की चाह और युद्ध में साथ

पाकिस्तान को लगता है कि युद्ध की स्थिति में अमेरिका उसे हथियार और समर्थन दोनों देगा। मई 2025 में भारत के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद ट्रंप द्वारा युद्धविराम कराने का दावा और उसके बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की ट्रंप से मुलाकातें इसी ओर इशारा करती हैं और हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइल देने की योजना बनाई है, जो हवा से हवा में मार करने वाली एक उन्नत मिसाइल है। पाकिस्तान ईरान के खिलाफ भी अमेरिका का इस्तेमाल करना चाहता है।

भारत पर दबाव और कश्मीर मुद्दा

पाकिस्तान अमेरिका के जरिए भारत पर दबाव बनाना चाहता है और बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाता रहता है। ट्रंप पहले भी कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की बात कर चुके हैं, जिससे पाकिस्तान को उम्मीद है कि अमेरिका उसका समर्थन करेगा। साथ ही, अमेरिकी मिसाइलों से लैस F-16 फाइटर जेट्स के जरिए वह भारत पर सैन्य। दबाव बनाना चाहता है, जैसा कि 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद हुआ था।

चीन से नजदीकी और अमेरिकी नाराजगी से बचाव

पाकिस्तान, जिसकी सरकार को 'हाइब्रिड' और शहबाज को कठपुतली प्रधानमंत्री माना जा रहा है, चीन और सऊदी अरब जैसे देशों से भी अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है। हालांकि, चीन से बढ़ती नजदीकी के कारण अमेरिका की नाराजगी से बचने के लिए भी वह अमेरिका को खुश रखता है। हाल ही में चीन से 8. 5 अरब डॉलर का निवेश हासिल करने के बावजूद, पाकिस्तान ने पसनी बंदरगाह का प्रस्ताव अमेरिका को देकर संतुलन बनाने की कोशिश की है।

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