India-Guyana Relation: गयाना की संसद को पीएम मोदी ने किया संबोधित, बोले 'यह पसीने और परिश्रम का है रिश्ता'

India-Guyana Relation - गयाना की संसद को पीएम मोदी ने किया संबोधित, बोले 'यह पसीने और परिश्रम का है रिश्ता'
| Updated on: 21-Nov-2024 09:16 PM IST
India-Guyana Relation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतिहास रचते हुए 56 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में गयाना की यात्रा की। बुधवार को उनके जॉर्जटाउन पहुंचने पर गयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स और कई कैबिनेट मंत्रियों ने भव्य स्वागत किया। इस ऐतिहासिक यात्रा में पीएम मोदी ने गयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए दोनों देशों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक संबंधों को नई ऊंचाई दी।

भारत और गयाना के ऐतिहासिक संबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भारत और गयाना के संबंधों की गहराई को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "भारत और गयाना का रिश्ता मिट्टी, पसीने और परिश्रम का रिश्ता है। 180 साल पहले भारत से गयाना पहुंचे लोगों ने इस धरती को अपनी कर्मभूमि बनाया और यह रिश्ता तब से आज तक खुशी और गम दोनों में साझा रहा है।" उन्होंने गयाना की धरती पर भारतीय मूल के लोगों के योगदान को भी याद किया।

लोकतंत्र और मानवता का संदेश

पीएम मोदी ने अपने भाषण में "Democracy First, Humanity First" का मंत्र दिया। उन्होंने कहा, "Democracy First हमें सिखाता है कि सबको साथ लेकर चलना है और मानवता को केंद्र में रखकर निर्णय लेने चाहिए। जब Humanity First को प्राथमिकता दी जाती है, तो निर्णय मानवता के हित में होते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि गयाना की लोकतांत्रिक परंपराएं वैश्विक विकास को मजबूत करने में सहायक हैं।

गुलामी से आजादी तक का साझा संघर्ष

पीएम मोदी ने भारत और गयाना के समान संघर्षों की ओर इशारा करते हुए कहा कि दोनों देशों ने गुलामी की पीड़ा और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष को समान रूप से महसूस किया है। उन्होंने उन लाखों लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा, "भारत और गयाना दोनों आज लोकतंत्र के वैश्विक प्रतीक हैं।"

गयाना से पुराना नाता

प्रधानमंत्री ने अपनी 24 साल पहले की गयाना यात्रा को याद करते हुए कहा, "उस समय मैं एक जिज्ञासु के रूप में गयाना आया था। गयाना की विरासत और इतिहास ने मुझे बहुत प्रभावित किया। आज भी यहां ऐसे लोग हैं, जो मेरी उस यात्रा को याद करते हैं।"

गयाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

गयाना की संसद में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने गयाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह पुरस्कार मैं भारत के 140 करोड़ लोगों को समर्पित करता हूं। यह सम्मान दोनों देशों के बीच गहराते संबंधों का प्रतीक है।"

दोनों देशों के भविष्य के लिए नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने भारत और गयाना के बीच न केवल आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती दी है, बल्कि दोनों देशों को एक साझा भविष्य के लिए प्रेरित भी किया है। उनकी इस यात्रा को ऐतिहासिक माना जा रहा है, जो भारत की वैश्विक कूटनीति और लोकतांत्रिक मूल्यों को उजागर करती है।

गयाना की यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक मील का पत्थर है, जो दक्षिण अमेरिका में भारत के प्रभाव को और विस्तार देने का प्रयास है। यह यात्रा भारत और गयाना के संबंधों को और प्रगाढ़ करने में एक नई शुरुआत साबित होगी।

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