PM Modi in Ethiopia: पीएम मोदी का इथियोपियाई संसद में संबोधन: 'दोस्ती, सद्भावना और भाईचारे का संदेश लेकर आया हूं'
PM Modi in Ethiopia - पीएम मोदी का इथियोपियाई संसद में संबोधन: 'दोस्ती, सद्भावना और भाईचारे का संदेश लेकर आया हूं'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी इथियोपिया यात्रा पर हैं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया और इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने स्वयं उनकी अगवानी की, जो दोनों देशों के बीच गहरे होते संबंधों का प्रतीक है। यह प्रधानमंत्री मोदी की फेडरल डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ इथियोपिया की पहली यात्रा है, और यह प्रधानमंत्री अली के निमंत्रण पर हो रही है और इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है, विशेषकर ऐसे समय में जब भारत वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका का विस्तार कर रहा है और अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दे रहा है। यह यात्रा भारत की 'एक्ट ईस्ट' और 'एक्ट अफ्रीका' नीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो साझा विकास और सहयोग पर केंद्रित है।
इथियोपिया में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी के इथियोपिया पहुंचने पर उनका शानदार स्वागत किया गया। इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने व्यक्तिगत रूप से उनका स्वागत किया, जो एक विशेष सम्मान का प्रतीक है और दोनों देशों के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंधों को दर्शाता है। इस गर्मजोशी भरे स्वागत ने यात्रा के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार किया, जो दशकों पुराने मजबूत संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह व्यक्तिगत अगवानी न केवल प्रोटोकॉल का हिस्सा थी, बल्कि यह भारत के प्रति इथियोपिया के गहरे सम्मान और मित्रता का भी प्रतीक थी। इस तरह के उच्च-स्तरीय दौरे दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के नए अवसरों को खोलने में सहायक होते हैं।इथियोपियाई संसद में ऐतिहासिक संबोधन
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपियाई संसद के संयुक्त। सत्र को संबोधित किया, जो इस दौरे का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि "आज आपके सामने खड़ा होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। " उन्होंने इथियोपिया को "शेरों की धरती" कहकर संबोधित किया और इस बात पर खुशी व्यक्त की कि उन्हें यहां बहुत अपनापन महसूस हो रहा है, क्योंकि उनका गृह राज्य, भारत का गुजरात भी शेरों का घर है। यह तुलना दोनों देशों के बीच एक अनूठा सांस्कृतिक और प्राकृतिक संबंध स्थापित करती है, जो दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे के करीब लाती है। संसद में उनका संबोधन दोनों देशों के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों और साझा आकांक्षाओं को रेखांकित करता है।सर्वोच्च सम्मान: सभी भारतीयों का गौरव
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि इथियोपिया का सर्वोच्च सम्मान मिलना उनके लिए एक गौरव का पल है। उन्होंने विनम्रतापूर्वक स्पष्ट किया कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि सभी भारतीयों का सम्मान है। यह बयान भारत और इथियोपिया के बीच आपसी सम्मान और सहयोग की भावना को दर्शाता है, जहां एक। देश द्वारा दूसरे के नेता को दिया गया सम्मान वास्तव में पूरे राष्ट्र का सम्मान माना जाता है। यह सम्मान दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत बंधन और साझा मूल्यों को रेखांकित करता है, और भविष्य में सहयोग के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है और यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का भी एक प्रमाण है।मातृभूमि के प्रति साझा भावना और विरासत
अपने संबोधन में, पीएम मोदी ने भारत और इथियोपिया के बीच एक और गहरी समानता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "भारत का राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' और इथियोपिया का राष्ट्रगान, दोनों हमारी जमीन को मां कहते हैं। " उन्होंने आगे कहा कि ये राष्ट्रगान हमें अपनी विरासत, संस्कृति, सुंदरता पर गर्व करने और मातृभूमि की रक्षा करने के लिए प्रेरित करते हैं। यह साझा भावना दोनों देशों के लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ती है और उन्हें अपनी जड़ों और पहचान पर गर्व करने के लिए प्रेरित करती है। यह सांस्कृतिक समानता दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों का प्रमाण है, जो केवल राजनीतिक या आर्थिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और आध्यात्मिक भी हैं।दोस्ती, सद्भावना और भाईचारे का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि "भारत और इथियोपिया में मौसम और भावना दोनों में गर्मजोशी है। " उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह "आपकी संसद, आपके लोगों और आपकी लोकतांत्रिक यात्रा के लिए बहुत सम्मान के साथ आपके पास आया हूं... " भारत के 1. 4 अरब लोगों की ओर से, मैं दोस्ती, सद्भावना और भाईचारे का संदेश लेकर आया हूं। " यह संदेश दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग और संबंधों की नींव रखता है, जो आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित है। यह भारत की विदेश नीति का भी एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो वैश्विक समुदाय के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सहयोग को बढ़ावा देता है।इथियोपिया के विभिन्न वर्गों को संबोधन
इथियोपिया की संसद को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने देश के विभिन्न वर्गों के लोगों को भी संबोधित किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारत इथियोपिया के समावेशी विकास में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा, "इस शानदार इमारत में आपके कानून बनते हैं, यहां लोगों की मर्जी राज्य की मर्जी बनती है, और जब राज्य की मर्जी लोगों की मर्जी के साथ मिलती है, तो कार्यक्रमों का पहिया आगे बढ़ता है। " उन्होंने विशेष रूप से खेतों में काम करने वाले किसानों, नए आइडिया बनाने वाले उद्यमियों, समुदायों का नेतृत्व करने वाली महिलाओं, और इथियोपिया के उन युवाओं का जिक्र किया जो भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। यह संबोधन इथियोपिया के सामाजिक-आर्थिक विकास में भारत की भागीदारी और समर्थन को दर्शाता है।भारत और इथियोपिया के ऐतिहासिक और मजबूत संबंध
भारत और इथियोपिया के बीच संबंध ऐतिहासिक हैं और यह रिश्ता दशकों पुराना है। शीत युद्ध के दौर से ही दोनों देशों में मित्रता रही है, जो एक मजबूत और स्थायी साझेदारी का प्रमाण है और यह मित्रता केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक स्तर पर भी गहरी है। भारत ने इथियोपिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य और निर्माण के क्षेत्रों में और भारतीय विश्वविद्यालय इथियोपियाई छात्रों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य रहे हैं, और भारतीय डॉक्टर तथा शिक्षक इथियोपिया के स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणालियों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर इथियोपिया में काम करते हैं, जो दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संपर्क को मजबूत करते हैं और आर्थिक विकास में योगदान देते हैं। यह सहयोग भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों को पारस्परिक लाभ होगा।आगे की यात्रा: ओमान की ओर
इथियोपिया की अपनी सफल यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ओमान के लिए रवाना होंगे। यह यात्रा उनके बहु-राष्ट्र दौरे का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना है। इथियोपिया की यात्रा ने अफ्रीका के साथ भारत के गहरे होते संबंधों को रेखांकित किया है, और ओमान की यात्रा मध्य पूर्व में भारत की कूटनीतिक पहुंच को और बढ़ाएगी। यह दौरा भारत की वैश्विक कूटनीति की व्यापकता को दर्शाता है, जहां वह विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में अपने रणनीतिक और आर्थिक हितों को आगे बढ़ा रहा है। इन यात्राओं के माध्यम से भारत न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर। रहा है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता में भी योगदान दे रहा है।