PM Modi In Assam: पीएम मोदी ने गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का किया उद्घाटन, कांग्रेस पर लगाए पूर्वोत्तर की उपेक्षा के आरोप

PM Modi In Assam - पीएम मोदी ने गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का किया उद्घाटन, कांग्रेस पर लगाए पूर्वोत्तर की उपेक्षा के आरोप
| Updated on: 20-Dec-2025 05:44 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एलजीबीआईए) के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया, जो पूर्वोत्तर के विकास के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दो दिवसीय असम दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी पर पूर्वोत्तर क्षेत्र की दशकों तक उपेक्षा करने का आरोप लगाया और उन्होंने कहा कि असम की धरती और यहां के लोगों का प्यार उन्हें लगातार प्रेरित करता है, जिससे पूर्वोत्तर के विकास को नई ताकत मिलती है। यह उद्घाटन असम के विकास में एक नया अध्याय जोड़ता है, जो राज्य के बढ़ते आत्मविश्वास और उसके लोगों के भरोसे का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट रूप से कहा कि असम और पूरे पूर्वोत्तर का विकास कभी भी कांग्रेस के एजेंडे का हिस्सा नहीं रहा।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों में बैठे लोग सोचते थे कि असम और पूर्वोत्तर में कौन जाता है, और उन्हें आधुनिक हवाई अड्डों, बेहतर रेलवे या राजमार्गों की क्या आवश्यकता है। इसी सोच के कारण कांग्रेस ने दशकों तक इस पूरे क्षेत्र की उपेक्षा की। पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह ब्रह्मपुत्र की धाराएं कभी नहीं रुकतीं, उसी तरह भाजपा की डबल इंजन सरकार में यहां विकास की धारा अनवरत बह रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार कांग्रेस द्वारा दशकों से की गई गलतियों को एक-एक करके सुधार रही है।

आधुनिक बुनियादी ढांचे का महत्व

पीएम मोदी ने बताया कि आधुनिक और विश्व स्तरीय हवाई अड्डे की सुविधाएं किसी भी राज्य के लिए नई संभावनाएं और अवसर खोलती हैं और उन्होंने कहा कि जब लोग असम में शानदार सड़कें बनते हुए देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि आखिरकार असम के साथ न्याय होना शुरू हो गया है। लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन इस संकल्प का एक प्रमाण है। उन्होंने सभी असमवासियों और देशवासियों को इस नए टर्मिनल भवन के लिए। बधाई दी, जो विकास और विरासत के मंत्र का सच्चा अर्थ दर्शाता है। यह टर्मिनल असम की प्रकृति और संस्कृति को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है, जिसमें हरियाली है और यह यात्रियों को शांति और आराम का एहसास कराएगा।

बांस कानून में सुधार

प्रधानमंत्री ने एक महत्वपूर्ण बदलाव का भी उल्लेख किया, जिसमें उनकी सरकार ने 2014 से पहले के एक कानून को हटा दिया, जो बांस को पेड़ मानता था और उसे काटने की इजाजत नहीं देता था। उन्होंने बताया कि दुनिया बांस को एक पौधा मानती है, और उनकी सरकार ने उस कानून को हटाकर बांस को घास की कैटेगरी में रखकर उसे सही पहचान दी। यह कदम स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत की आर्थिक प्रगति और 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी'

पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, और पिछले 11 सालों में इस बदलाव में आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास का सबसे बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि देश 2047 के 'विकसित भारत' के मिशन की तैयारी कर रहा है, जिसमें देश के हर राज्य और हर क्षेत्र की अहम भूमिका है और उन्होंने 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के माध्यम से पूर्वोत्तर को प्राथमिकता देने की बात कही, जिसके परिणामस्वरूप असम भारत के 'ईस्टर्न गेटवे' के रूप में उभर रहा है। असम भारत को आसियान देशों से जोड़ने में एक पुल की भूमिका निभा रहा है, और यह शुरुआत बहुत आगे तक जाएगी। आज असम और पूरा पूर्वोत्तर भारत के विकास का प्रवेश द्वार बन रहा है, और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के संकल्प ने इस क्षेत्र की दिशा और किस्मत दोनों को बदल दिया है।

पूर्वोत्तर में शांति और डिजिटल कनेक्टिविटी

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुए सकारात्मक बदलावों पर प्रकाश डाला और उन्होंने कहा कि जहां पहले हिंसा और खून-खराबा होता था, आज वहां 4G और 5G टेक्नोलॉजी के जरिये डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंच रही है। जो जिले कभी हिंसाग्रस्त माने जाते थे, आज वे 'आकांक्षी जिले' के रूप में विकसित हो रहे हैं और आने वाले समय में यही इलाके इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बनेंगे। इन परिवर्तनों के कारण आज पूर्वोत्तर को लेकर एक नया भरोसा जगा है।

असम की पहचान बचाने का संघर्ष

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर इस इलाके की पहचान को मिटाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया और उन्होंने बताया कि आजादी से पहले जब मुस्लिम लीग और अंग्रेज भारत के बंटवारे की जमीन तैयार कर रहे थे, उसी समय असम को पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की भी योजना थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उस साजिश का हिस्सा बनने की ओर बढ़ रही थी, तभी लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े हुए और असम को देश से अलग होने से बचाया।

घुसपैठ पर सख्त कदम

प्रधानमंत्री ने अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर भी बात की और उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने घुसपैठ रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें अवैध घुसपैठियों को देश से निकालने और उनकी पहचान करने का काम शामिल है। उन्होंने कांग्रेस पर देश विरोधी एजेंडा अपनाने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि देश की सुप्रीम कोर्ट ने भी घुसपैठियों को हटाने की बात कही है, फिर भी उनके वकील कोर्ट में घुसपैठियों को रहने देने के बारे में बहस करते हैं और यह दर्शाता है कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए कितनी गंभीर है।

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