G20 Summit 2025: जी20 शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी दिल्ली लौटे, वैश्विक मुद्दों पर भारत की मजबूत वकालत

G20 Summit 2025 - जी20 शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी दिल्ली लौटे, वैश्विक मुद्दों पर भारत की मजबूत वकालत
| Updated on: 24-Nov-2025 07:58 AM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन। में अपनी सफल भागीदारी के बाद सोमवार सुबह दिल्ली लौट आए हैं। उनकी वापसी के साथ, भारत की वैश्विक मंच पर सक्रिय भूमिका और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उसकी मजबूत वकालत एक बार फिर सुर्खियों में है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं और वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया। जोहान्सबर्ग में अपने प्रवास के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व के कई प्रमुख नेताओं के साथ सार्थक द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन बैठकों का उद्देश्य विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करना था।

उन्होंने कनाडा के अपने समकक्ष मार्क कार्नी, जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, ब्रिटेन के अपने समकक्ष केअर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा सहित कई अन्य वैश्विक नेताओं से मुलाकात की। इन वार्ताओं में आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा हुई,। जिससे द्विपक्षीय सहयोग के नए रास्ते खुलने की उम्मीद है। ये बैठकें न केवल कूटनीतिक संबंधों को गहरा करती हैं, बल्कि व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसरों को भी बढ़ावा देती हैं।

सफल शिखर सम्मेलन पर पीएम मोदी के विचार

शिखर सम्मेलन के समापन पर, प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी सफलता पर संतोष व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि जोहान्सबर्ग में सफल जी-20 सम्मेलन एक समृद्ध और टिकाऊ ग्रह के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगा। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि विश्व नेताओं के साथ उनकी बैठकें और बातचीत। बहुत सार्थक रहीं, और इनसे विभिन्न देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने इस शिखर सम्मेलन के उत्कृष्ट आयोजन के लिए दक्षिण अफ्रीका के अद्भुत लोगों, राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और दक्षिण अफ्रीकी सरकार को विशेष धन्यवाद दिया। यह टिप्पणी भारत की ओर से वैश्विक सहयोग और साझा भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

जी20 सम्मेलन में भारत के प्रमुख प्रस्ताव

जी20 सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक वैश्विक समझौते का आह्वान किया, जो तेजी से विकसित हो रही इस तकनीक के नैतिक और सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। यह प्रस्ताव AI के संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम करने और। इसके लाभों को अधिकतम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

वैश्विक विकास मानदंडों पर पुनर्विचार

प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 नेताओं की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वैश्विक विकास मानदंडों पर गहन पुनर्विचार का आह्वान किया और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान मानदंड शायद सभी देशों की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर रहे हैं, और एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत विकास मॉडल की आवश्यकता है। यह भारत की उस सोच को दर्शाता है, जिसमें विकास को केवल आर्थिक आंकड़ों तक सीमित न रखकर, मानव कल्याण और पर्यावरणीय स्थिरता को भी शामिल किया जाता है।

मादक पदार्थ-आतंकवाद गठजोड़ और वैश्विक स्वास्थ्य सेवा

इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी ने मादक पदार्थ-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए जी-20 पहल का प्रस्ताव रखा। यह एक गंभीर वैश्विक खतरा है जो कई देशों की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित करता है। इस गठजोड़ को तोड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया दल बनाने का भी प्रस्ताव रखा, जो भविष्य की महामारियों और स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए दुनिया को बेहतर ढंग से तैयार कर सके। यह प्रस्ताव कोविड-19 महामारी से मिले सबक को दर्शाता है और भविष्य में ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए एक मजबूत वैश्विक तंत्र की वकालत करता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधारों की वकालत

शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधारों की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (इब्सा) के त्रिपक्षीय मंच को यह। स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि वैश्विक संस्था में बदलाव अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है। यह टिप्पणी वैश्विक शासन संरचनाओं में सुधार की भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग को रेखांकित करती है, ताकि वे वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से दर्शा सकें। UNSC में सुधारों से इसे और अधिक प्रतिनिधि और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर, जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी ने भारत को एक जिम्मेदार और प्रभावशाली वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है, जो साझा चुनौतियों का समाधान करने और एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।

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