श्रीलंका-संकट: PM विक्रमसिंघे बोले- सरकारी एयरलाइंस बिकेगी-हमारे पास सिर्फ 1 दिन का पेट्रोल

श्रीलंका-संकट - PM विक्रमसिंघे बोले- सरकारी एयरलाइंस बिकेगी-हमारे पास सिर्फ 1 दिन का पेट्रोल
| Updated on: 16-May-2022 08:10 PM IST
गंभीर आर्थिक और सियासी संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया। यह सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार सुबह 5 बजे तक, यानी 9 घंटे लागू रहेगा। यह फैसला सोमवार सुबह हुआ। इसके बाद देर शाम प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश को संबोधित किया और ताजा हालात की तस्वीर सामने रखी।

विक्रमसिंघे ने कहा- हमारे देश के पास सिर्फ एक दिन का पेट्रोल बचा है। हम हालात को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। एक साल में 45 अरब डॉलर का नुकसान झेलने वाली श्रीलंकन एयरलाइंस को अब प्राईवेट सेक्टर के हवाले किया जाएगा।

विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति को हटाने की मांग का किया समर्थन

श्रीलंका में हर दिन कुछ न कुछ नया हो रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को हटाकर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रानिल विक्रमसिंघे को नया प्रधानमंत्री बनाया गया था। अब नए PM विक्रमसिंघे उन आंदोलनकारियों के समर्थन में उतर गए हैं, जो श्रीलंका के आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जिम्मेदार मानकर उनका इस्तीफा मांग रहे हैं।

श्रीलंका पुलिस ने 9 मई को हुई हिंसा के मामले में 200 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पुलिस मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि 230 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में वाहन और संपत्ति के नुकसान के लगभग 707 मामले दर्ज किए गए।

श्रीलंका पर फिर से लिट्‌टे का खतरा

श्रीलंका पर लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी लिट्‌टे (LTTE) के हमले का खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय को इसे लेकर इनपुट दिए हैं। भारतीय इनपुट के मुताबिक, 18 मई को लिट्‌टे किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है।

भारत की तरफ से इंटेलिजेंस इनपुट मिलने के बाद श्रीलंका ने भी अपनी सुरक्षा कड़ी कर दी है। श्रीलंका का कहना है कि वो भी इस मामले में जांच करेगा।

विपक्ष बोला- देश की मौजूदा स्थिति 1991 के भारत जैसी

श्रीलंका में विपक्ष के सांसद हर्षा डी सिल्वा ने देश की मौजूदा स्थिति को भारत में 1991 में छाए आर्थिक संकट के समान बताया है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका इस संकट से बाहर निकल पाएगा और ऐसा तभी होगा जब यहां के राजनीतिक दल एक साथ खड़े हों।

उन्होंने कहा- उस समय भारतीय राजनीतिक दल एकजुट थे, जिसकी वजह से वे संकट से बाहर आ गए। श्रीलंका में भी ऐसा तब ही होगा, जब यहां के राजनीतिक दल एक साथ खड़े होंगे।अगर पार्टियां अलग हो जाती हैं तो योजना विफल हो जाती है। यहां के राष्ट्रपति को राजनीतिक दलों को एक साथ आने के लिए तैयार करना होगा।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।