Uttarakhand: पुलिस ने तोड़ा जामताड़ा के साइबर ठगों का जाल, 400 करोड़ से अधिक की ठगी का खुलासा
Uttarakhand - पुलिस ने तोड़ा जामताड़ा के साइबर ठगों का जाल, 400 करोड़ से अधिक की ठगी का खुलासा
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Updated on: 28-Feb-2022 09:01 AM IST
पुलिस ने जामताड़ा के साइबर ठगों का जाल तोड़ते हुए लॉटरी निकलने और कूरियर से सामान भेजने का झांसा देकर लोगों से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से मोबाइल और बैंकों की पासबुक बरामद हुई है। दोनों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि गिरोह ने कई लोगों के नाम से बैंक खाते खुलवा रखे हैं और अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। सरगना की तलाश में पुलिस की एक टीम पश्चिम बंगाल गई है।रविवार को एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने अपने कार्यालय में प्रेसवार्ता कर झारखंड के जामताड़ा जिले के साइबर ठग गिरोह का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले भगवानपुर में एक फैक्टरी में काम करने वाले पवन कुमार निवासी गांव मकवा, थाना असरगंज जिला मुंगेर (बिहार) से कूरियर के नाम पर दो लाख की ठगी हुई थी। ठगों ने कॉल कर कूरियर आने की बात कही थी और उसे लेने के लिए गूगल-पे पर पांच रुपये डालने की बात कहते हुए एटीएम कार्ड की डिटेल ली थी। इसके बाद मोबाइल पर ओटीपी भेजा था। बाद में साइबर ठगों ने दूसरे नंबर से कॉल कर ओटीपी मांगा था, लेकिन उन्होंने नहीं दिया था। इसके बाद खाते से रकम निकली थी।पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। तभी से पुलिस दोनों मोबाइल नंबरों की जांच और लोकेशन तलाश कर रही थी। एसपी देहात ने बताया कि शनिवार देर शाम मोबाइल नंबरों की लोकेशन कलियर स्थित पार्किंग की मिली। इस पर पुलिस टीम कलियर पहुंची और ठगों की तलाश की। पुलिस ने रमजान अली निवासी गांव पूर्वी दुल्लोपुर, थाना ईटाहार जिला उत्तर दिनाजपुर पश्चिम बंगाल व हाल निवासी मकान नंबर-1 चंद्रलोक निटक बिहारी मार्केट सेक्टर-28 चकरपुर गुरुग्राम और संजय मंडल निवासी गांव व पोस्ट पूर्वी श्रीधरपुर थाना रामदिघी जिला 24 परगना दक्षिण पश्चिम बंगाल व हाल निवासी एसएस टॉवर निकट महावीर स्टोर चकरपुर सेक्टर-29 गुरुग्राम को गिरफ्तार किया।दोनों के पास से तीन बैंकों की पासबुक और तीन मोबाइल बरामद किए। पूछताछ में दोनों खुलासा किया कि गिरोह जामताड़ा से चलता है और सरगना अकबर है। वह आसनसोल, पश्चिम बंगाल में रहता है। वे दोनों लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाते हैं और बदले में तीन हजार देते हैं। इसके बाद उनकी पासबुक, एटीएम व चेकबुक लेकर अकबर को देते हैं। इसके बदले अकबर उन्हें चार हजार के हिसाब से देता है। इसके बाद अकबर के साथ मिलकर वे लोगों को लॉटरी और कूरियर के नाम पर कॉल कर एटीएम की डिटेल और ओटीपी लेकर ठगी करते हैं। दोनों ने बताया कि उन्होंने दो सौ लोगों के खाते खुलवाए हैं और करीब चार सौ करोड़ की ठगी कर इन खातों में रकम ट्रांसफर की है। एसपी देहात ने बताया कि अकबर की तलाश में एक पुलिस टीम पश्चिम बंगाल भेजी गई है। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। एसओ पीडी भट्ट की थपथपाई पीठएसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत और एसपी देहात ने साइबर ठग गिरोह का खुलासा करने पर एसओ पीडी भट्ट की पीठ थपथपाई है। एसपी देहात ने सराहना करते हुए कहा कि साइबर ठग गिरोह को पकड़ना मुश्किल काम है। एसओ ने टीम के साथ मेहनत कर गिरोह को पकड़कर बड़ा काम किया है। वहीं, एसएसपी ने ढाई हजार रुपये इनाम की घोषणा की। पुलिस टीम में एसओ पीडी भट्ट, एसआई शैलेंद्र ममगाईं, सिपाही अकबर, सुधीर कुमार, अमर और लाल सिंह शामिल रहे। कब से कलियर में थे, हो रही जांच साइबर ठग गिरोह के दो आरोपियों को पकड़ने के बाद पुलिस जांच कर रही है कि वे कब से कलियर क्षेत्र में रह रहे थे। साथ ही गिरोह ने किन-किन लोगों से ठगी की है। इसके अलावा जिन बैंकों की पासबुक मिली है, उन बैंकों की भी जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि साइबर ठगों से बैंक अधिकारी और कर्मचार भी मिले हो सकते हैं।
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