Nuh Violence: अप्रैल के इनपुट से नहीं जागी पुलिस- इंटेलिजेंस की नाकामी से जला नूंह!

Nuh Violence - अप्रैल के इनपुट से नहीं जागी पुलिस- इंटेलिजेंस की नाकामी से जला नूंह!
| Updated on: 01-Aug-2023 05:43 PM IST
Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में सोमवार से शुरू हुई हिंसा के पीछे पुलिस की नाकामी को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. बताया जा रहा है कि हिंसा के शुरुआती समय में पुलिस प्रशासन की ओर से हालात की सटीक समीक्षा नहीं की गई और ग्राउंड लेवल पर इतने बड़े बवाल को रोकने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई थी. यात्रा के वक्त पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती नहीं की गई थी. नूंह के एसपी वरुण सिंहला छुट्टी पर चल रहे थे जिसकी वजह से पुलिस समय रहते मुस्तैदी नहीं दिखा पाई और मामला बड़ा हो गया. दूसरी ओर पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस भी कई अहम जानकारी इकट्ठा में करने में विफल रहा है.

जिले के एसपी वरुण सिंगला की गैरमौजूदगी में जिले के कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी एएसपी उषा कुंडू जिले की कानून-व्यवस्था संभाल रही थीं. जबकि अतिरिक्त चार्ज पलवल के SP लोकेन्द्र सिंह के पास था. ऐसे में जिस वक्त हिंसा शुरू उस समय पुलिस स्थिति का सटीक आकलन नहीं कर पाई और देखते ही देखते बवाल ने बड़ा रूप ले लिया. हालांकि, हिंसा पर काबू करने के लिए जिले में फिलहाल केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी गई है.

वहीं, हरियाणा की सीआईडी डिपार्टमेंट और नूंह पुलिस का लोकल इंटेलिजेंस इनपुट, जिसने इतने बड़े स्तर पर पत्थरबाजी के लिए जमा किए जा रहे पत्थरों के साथ ही पेट्रोल बम और अन्य हथियारों के बारे में वक्त पर सटीक जानकारी पुलिस को नहीं दी. ना ही यात्रा स्थल के रूट के आसपास दूसरे समुदाय के भारी संख्या में इकट्ठा हो रहे लोगों की जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराई गई.

पुलिस और सीआईडी डिपार्टमेंट में तालमेल नहीं

इस पूरी घटना में हरियाणा सरकार के गृह मंत्रालय के अंडर में आने वाली हरियाणा पुलिस और सीधा सीएमओ को रिपोर्ट करने वाले सीआईडी डिपार्टमेंट के बीच कोई तालमेल नहीं दिखा. लोकल इंटेलिजेंस से लेकर सीआईडी विभाग की तरफ से कोई भी इंटेलिजेंस रिपोर्ट या इनपुट हरियाणा पुलिस को नहीं भेजी गई. हरियाणा में पुलिस और सीआईडी को लेकर तनातनी इस सरकार के पहले दिन से देखने को मिली थी.

CID को लेकर शुरू से रहे हैं मतभेद

पुलिस और सीआईडी के बीच तालमेल में कमी के पीछे भी राजनीति को जिम्मेदार ठहराया जाता है. क्योंकि जिस वक्त मनोहर लाल खट्टर सीएम बने थे उसके कुछ ही समय बाद उन्होंने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए सीआईडी को सीधा सीएमओ के अंडर में काम करने के निर्देश जारी कर दिए थे. दूसरी ओर राज्य के गृहमंत्री अनिल विज इस बात को लगातार कहते रहे कि सीआईडी राज्य पुलिस का ही हिस्सा है.

इसके बाद से सीआईडी रिपोर्ट को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज के बीच लगातार खींचतान जारी रही अब नूंह की घटना के बाद पुलिस और सीआईडी के बीच तालमेल की कमी साफ दिखने लगी है. हिंसा को लेकर विज ने कहा कि हिंसा होने के संबंध में राज्य के गृह विभाग को कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट नहीं मिली है.

अप्रैल महीने में इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर हुई थी कार्रवाई

अप्रैल महीने में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लेकर नूंह जिले के 14 गांवों से 70 लोगों की गिरफ्तारी इंटेलिजेंस इनपुट पर की गई थी और इसी वजह से पुलिस इस बार भी उम्मीद कर रही थी कि कुछ ऐसा ही इनपुट मिलेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. मोनू मानेसर से लेकर दूसरे समुदाय के युवकों ने भी खुलेआम भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए, इसके बावजूद ना तो सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों की गिरफ्तारी की गई और ना ही इन वीडियो में दी जा रही धमकियों को गंभीरता से लिया गया.

पर्याप्त संख्या पुलिस बल की नहीं हुई तैनाती

यात्रा में मोनू मानेसर के शामिल होने की खबरों के बाद लगातार सोशल मीडिया पर दोनों ही पक्षों की ओर से दी जा रही धमकियों के बावजूद हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर 400-450 के करीब पुलिसकर्मी और होमगार्ड की तैनाती की थी जबकि उपद्रवियों की संख्या इनसे कहीं ज्यादा थी.

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