Delhi Air Pollution: दिल्ली में कृत्रिम बारिश प्रदूषण खत्म करने की तैयारी- क्या 20 नवंबर के बाद साफ हो जाएगी हवा?
Delhi Air Pollution - दिल्ली में कृत्रिम बारिश प्रदूषण खत्म करने की तैयारी- क्या 20 नवंबर के बाद साफ हो जाएगी हवा?
Delhi Air Pollution: दिल्ली को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए अब कृत्रिम बारिश का सहारा लिया जाएगा. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक 20 या 21 नवंबर को ये कृत्रिम बारिश कराई जा सकती है. बुधवार को इस संबंध में उन्होंने आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ बैठक भी की. इस बैठक में मंत्री आतिशी भी मौजूद रहीं.दिल्ली गैस चैंबर बन चुकी है, वायु गुणवत्ता सूचकांक रिकॉर्ड पर है. जहरीली हवा की वजह से लोगों का सांस लेना तक दूभर हो गया है. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को भी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 426 पर रहा जो बेहद गंभीर स्थिति है. इन हालातों से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. GRAP-4 भी लागू किया जा चुका है, लेकिन प्रदूषण के हालात में कमी न होने के चलते अब कृत्रिम बारिश कराने का फैसला लिया गया है.ऐसे होती है कृत्रिम बारिशकिसी भी क्षेत्र पर कृत्रिम बारिश कराने के लिए सबसे पहले एयरक्राफ्ट की मदद से आसमान मे सिल्वर आयोडाइड छिड़का जाता है, इसके हवा के संपर्क में आते ही बादल तेजी से बनते हैं, इन्हीं बादलों की वजह से बारिश होती है. आसान भाषा में इसे क्लाउड सीडिंग भी कहते हैं. IIT कानपुर के विशेषज्ञों के मुताबिक सिल्वर आयोडाइड बर्फ की तरह होती है, जिससे बादलों में नमी की मात्रा बढ़ जाती है और बादल बरसने लगते हैं.2018 में टाल दिया गया था प्लानदिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने का प्लान 2018 में भी बनाया गया था, लेकिन उस वक्त मौसम अनुकूल न होने की वजह से इस प्लान को टाल दिया गया था. बताया जाता है कि उस वक्त तो IIT प्रोफेसरों ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन मौसम ने पूरी तैयारी पर पानी फेर दिया था. IIT विशेषज्ञों की मानें तो सर्दी के मौसम में हर बार ही कृत्रिम बारिश कराना मुश्किल होता है, दरअसल ठंड के समय बादलों में नमी कम होती है, ऐसे में क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया मुश्किल हो जाती है.