Arvind Kejriwal News: प्रपोज डे के दिन केजरीवाल को पब्लिक ने नकारा- पूर्व मुख्यमंत्री पर भारी पड़ा शनि?

Arvind Kejriwal News - प्रपोज डे के दिन केजरीवाल को पब्लिक ने नकारा- पूर्व मुख्यमंत्री पर भारी पड़ा शनि?
| Updated on: 08-Feb-2025 06:20 PM IST

Arvind Kejriwal News: दिल्ली की सियासी लड़ाई में इस बार अरविंद केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या शनि ग्रह उनके लिए भारी पड़ गया? इस चर्चा के दो प्रमुख कारण हैं। पहला, यह पहली बार हुआ जब दिल्ली का चुनाव परिणाम शनिवार को आया। दूसरा, आम आदमी पार्टी (आप) का चुनावी प्रदर्शन इस बार बेहद खराब रहा।

दिलचस्प रूप से, अरविंद केजरीवाल के लिए वैलेंटाइन वीक हमेशा लकी साबित हुआ है, लेकिन इस बार प्रपोज डे पर ही जनता ने उन्हें नकार दिया। चुनावी नतीजों के बाद केजरीवाल ने अपनी हार स्वीकारते हुए कहा कि वे इस पर समीक्षा करेंगे और जनता के फैसले का सम्मान करते हैं।

क्या शनि ग्रह पड़ा भारी?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ उनकी पार्टी को भी बड़ा झटका लगा। खुद केजरीवाल चुनाव हार गए, साथ ही मनीष सिसोदिया और सोमनाथ भारती जैसे दिग्गज नेता भी अपनी सीटें नहीं बचा सके।

केजरीवाल के चुनावी इतिहास में शनिवार का असर

  1. पार्टी की स्थापना: 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी की स्थापना सोमवार के दिन हुई थी। 13 महीने बाद, 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने शानदार प्रदर्शन किया और 70 में से 28 सीटें जीतीं।

  2. 2013 चुनाव: 8 दिसंबर 2013 को रविवार के दिन आए नतीजों में आप को जबरदस्त सफलता मिली और केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।

  3. 2015 चुनाव: फरवरी 2015 के चुनाव में 10 फरवरी मंगलवार को आए नतीजों में आप ने 70 में से 67 सीटें जीतीं।

  4. 2020 चुनाव: 11 फरवरी 2020 को मंगलवार के दिन आए नतीजों में आप ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की।

  5. पंजाब चुनाव 2022: 10 मार्च गुरुवार के दिन पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी को शानदार जीत मिली।

  6. दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022: 7 दिसंबर बुधवार को आए नतीजों में आप ने पहली बार एमसीडी पर कब्जा जमाया।

  7. 2024 विधानसभा चुनाव: पहली बार विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को आए, और इसी दिन आप का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।

आम आदमी पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन

2013 में 28 सीटें, 2015 में 67 सीटें और 2020 में 62 सीटें जीतने वाली आप इस बार 25 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। पार्टी के कई बड़े नेता चुनाव हार गए।

नतीजों के संकेत

इस चुनाव के नतीजे बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए यह सबसे बड़ा झटका है। क्या यह सिर्फ एक संयोग है कि नतीजे शनिवार को आए और हार हुई, या फिर यह कोई ज्योतिषीय संकेत है? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस हार से केजरीवाल की सियासी चुनौतियां निश्चित रूप से बढ़ गई हैं।

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