Russia-Ukraine War: पुतिन ने PM मोदी का यूक्रेन विवाद सुलझाने की कोशिश के लिए किया धन्यवाद

Russia-Ukraine War - पुतिन ने PM मोदी का यूक्रेन विवाद सुलझाने की कोशिश के लिए किया धन्यवाद
| Updated on: 14-Mar-2025 10:22 AM IST

Russia-Ukraine War: यूक्रेन-रूस युद्ध को तीन साल से ज्यादा का समय बीत गया है। इस दौरान वैश्विक स्तर पर कई बदलाव हुए हैं, और अब व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ इस संघर्ष को सुलझाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। वर्तमान घटनाक्रमों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि युद्ध विराम पर जल्द ही सहमति बन सकती है। इस प्रक्रिया में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।

न्यूज़ एजेंसियों के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बार कीव के युद्ध विराम प्रस्ताव पर सार्वजनिक टिप्पणी की है। उन्होंने यूक्रेन-रूस संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा सहित विश्व के कई नेताओं को धन्यवाद दिया है।

गुरुवार को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पुतिन ने कहा कि रूस दुश्मनी समाप्त करने के प्रस्तावों से सहमत है, लेकिन वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यह समाप्ति दीर्घकालिक शांति लेकर आए और संकट के मूल कारणों को खत्म किया जाए।

विश्व नेताओं का योगदान

जब पुतिन से युद्ध विराम के लिए यूक्रेन की तत्परता पर राय मांगी गई, तो उन्होंने कहा, "जहां तक युद्ध विराम की बात है, मैं इसे इस नजरिए से देखता हूं कि इसमें शामिल विश्व नेता वास्तव में इसे लेकर गंभीर हैं। मैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद देना चाहूंगा, जो इस समझौते पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। इसके अलावा, चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भी इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हम उनके प्रयासों के लिए आभारी हैं, क्योंकि इस पहल का उद्देश्य एक महान मिशन को पूरा करना है।"

अमेरिका के दबाव में यूक्रेन का निर्णय

सऊदी अरब में हुई युद्ध विराम वार्ता पर टिप्पणी करते हुए पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की युद्ध विराम के लिए तत्परता अमेरिकी दबाव का परिणाम है। गौरतलब है कि ट्रंप ने अपने चुनावी वादों में से एक के रूप में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई थी। इस स्थिति में अमेरिका की भूमिका निर्णायक हो सकती है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे पर विशेष रूप से ध्यान दे रहा है।

भारत की कूटनीतिक भूमिका

इस पूरे घटनाक्रम में भारत की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने के लिए कई स्तरों पर वार्ताएं की हैं। भारत के संतुलित दृष्टिकोण और कूटनीतिक शक्ति को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि मोदी की मध्यस्थता इस संघर्ष को हल करने में मदद कर सकती है।

अभी यह देखना बाकी है कि क्या ये वार्ताएं वास्तव में कोई ठोस नतीजा लेकर आएंगी या यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रह जाएंगी। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि अब यूक्रेन-रूस युद्ध विराम की संभावना पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो चुकी है।

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