मनोरंजन: कुंद्रा के मोबाइल व लैपटॉप में 119 पॉर्न वीडियोज़ थे, ₹9 करोड़ में बेचने वाले थे: पुलिस

मनोरंजन - कुंद्रा के मोबाइल व लैपटॉप में 119 पॉर्न वीडियोज़ थे, ₹9 करोड़ में बेचने वाले थे: पुलिस
| Updated on: 21-Sep-2021 12:26 PM IST
मुंबई: पॉर्न फिल्ममेकिंग के केस में आरोपी राज कुंद्रा (Raj Kundra) पिछले 60 दिनों से जेल की सलाखों के पीछे थे और अब आखिरकार उन्हें जमानत मिल गई है। राज कुंद्रा को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर बेल मिली है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एक बड़ा खुलासा हुआ है। पॉर्न फिल्म मामले में आरोपी राज कुंद्रा ने 2 साल में अपने ऐप के यूजर्स 3 गुना और मुनाफा 8 गुना बढ़ाने की योजना बनाई थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वह अपनी 119 फिल्मों का पूरा कलेक्शन 8.84 करोड़ रुपये में बेचना चाहता था। उसके एक ऐप पर पाबंदी लग गई, तो उसने दूसरा ऐप भी बनवा लिया था। मुंबई पुलिस की चार्जशीट से पता चला है कि राज का यह पैंतरा नाकाम रहा।

राज कुंद्रा ने मेट्रोपोलिटन कोर्ट का किया था रुख

दरअसल इस केस में क्राइम ब्रांच टीम ने राज कुंद्रा और तीन अन्य लोगों के खिलाफ अश्लील (पोर्न) फिल्म बनाने और कुछ ऐप की मदद से ऑन एयर करने के आरोप में हाल में चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद ही राज कुंद्रा ने मेट्रोपोलिटन कोर्ट का रुख किया था और तर्क देते हुए कहा था कि व्यवहारिक रूप से मामले की जांच हो चुकी है।

राज कुंद्रा पर लगे हैं गंभीर आरोप

राज कुंद्रा पर आरोप है कि वह हॉटशाट्स ऐप के जरिए पॉर्न वीडियो स्ट्रीम कराया करते थे। पुलिस ने कहा है कि अब यह ऐप मोबाइल प्लैटफॉर्म से हटा दिया गया है। पुलिस का आरोप है कि राज कुंद्रा अश्लील कॉन्टेंट को अपनी वियान इंडस्ट्रीज के ऑफिस से एक यूके की फर्म के जरिए ऐप पर अपलोड करवाते थे। हालांकि कुंद्रा ने कहा है कि उन्होंने हॉटशाट्स ऐप को 2019 में 25 हजार डॉलर (लगभग 18 लाख रुपये) में किसी और को बेच दिया था।

19 जुलाई को गिफ्तार किए गए थे राज कुंद्रा

राज कुंद्रा को 19 जुलाई को गिफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। राज की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि पहली बात तो कोई भी कंटेंट उनके खिलाफ किसी भी अपराध को साबित नहीं करता। इस आवेदन में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि राज कुंद्रा को गलत तरीके से मामले में फंसाया गया, जबकि उनका नाम एफआईआर में नहीं था और पुलिस ने उसका नाम जबरन मामले में खींचा है।

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