जयपुर: राजस्थान के सहकारी बैंक अब नहीं होंगे डिफॉल्टर ... जानिए कैसे?

जयपुर - राजस्थान के सहकारी बैंक अब नहीं होंगे डिफॉल्टर ... जानिए कैसे?
| Updated on: 06-Sep-2019 05:04 PM IST
जयपुर. राजस्थान के को—आपरेटिव बैंकों के डिफॉल्टर होने की समस्या समाप्त होने को है। सरकार की ओर से सहकारी बैंक तरलता समाधान योजना जारी हुई है। इसके तहत प्रदेश के केन्द्रीय सहकारी बैंक अब डिफाल्टर नहीं होंगे। बैंकों तरलता की समस्या समाधान के लिए अपैक्स बैंक राशि देगा। इससे किसानों को लोन भी समय पर मिलेगा।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने शुक्रवार को बताया कि राज्य के केन्द्रीय सहकारी बैंको में तरलता की समस्या को दूर करने के लिए अपैक्स बैंक के स्तर से ऋण राशि जारी की जाएगी। इसके लिए सहकारी बैंक तरलता समाधान योजना को लागू किया गया है। इस योजना के जारी होने से अब केन्द्रीय सहकारी बैंक जहां एक ओर डिफाल्टर होने से बचेगें वहीं दूसरी ओर किसानों को मिलने वाले ऋण की सुविधाओं में भी विस्तार होगा।
आंजना ने बताया कि इस योजना के कारण ऐसे केन्द्रीय बैंक जो तरलता की विषम परिस्थितियों के कारण क्षेत्र के किसानों की फसली ऋण की मांग लक्ष्य के अनुरूप नहीं कर पा रहे है तथा नकद आरक्षित अनुपात एवं वैधानिक तरलता अनुपात का आरबीआई की मांपदण्डानुसार संधारण नहीं कर पा रहे है तो ऐसे बैंक अपैक्स बैंक से साख सीमा के रूप में राशि प्राप्त कर सकेंगे।
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि इस योजना के द्वारा अपैक्स बैंक की विगत 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की कुल जमाओं के अधिकतम 15 प्रतिशत की राशि केन्द्रीय सहकारी बैंको को सहायता के रूप में मिल पाएगी। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय सहकारी बैंको की लेखा पुस्तकों में बकाया राशि के पेटे सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के 60 प्रतिशत की राशि साख सीमा के रूप में बैंक विशेष के पक्ष में स्वीकृत हो पाएगी।
रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ. नीरज के पवन ने बताया कि योजना के लागू हो जाने से राज्य के केन्द्रीय सहकारी बैंको की स्थिति सुदृढ़ होगी तथा बैंको को तरलता की विषम परिस्थितियों जैसे नियामक संस्थाओं द्वारा निर्धारित मापदण्डों की पालना में असुविधा व समस्या होना, अल्पकालीन ऋण चक्र बाधित होने की स्थिति में केन्द्रीय सहकारी बैंको समय पर ऋण सहायता संभव हो सकेगी।
अपैक्स बैंक के प्रबंध निदेशक इन्दर सिंह ने बताया कि इस योजना के द्वारा केन्द्रीय सहकारी बैंको के पक्ष में नौ महीनों के लिए साख सीमा की राशि प्रदान की जाएगी तथा परिस्थितियों का आंकलन कर इसे आगे भी बढाया जा सकता है उन्होंने बताया कि इस निर्णय से लगभग 500 करोड़ की सहायता ऋण राशि बैंको को उपलब्ध हो पाएगी तथा बैंको को डिफाल्टर होने से बचाया जा सकेगा।
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