CM Bhajanlal Sharma: जयपुर के रामगढ़ बांध से विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ की शुरुआत कर राज्य को जल आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। इस जनांदोलन का उद्देश्य जल संरक्षण और पर्यावरण के प्रति सामाजिक चेतना को बढ़ाना है।
रामगढ़ बांध पर आयोजित श्रमदान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 'जल ही जीवन है' के सिद्धांत पर जोर देते हुए कहा, "प्रकृति का संरक्षण हमारा साझा कर्तव्य है, जिसे हमें पूरी निष्ठा और संकल्प के साथ निभाना होगा।" उन्होंने बताया कि यह अभियान केवल सरकारी पहल नहीं बल्कि जन-भागीदारी का आंदोलन है, जिसके तहत राज्यभर में जल संचयन, परंपरागत जलस्रोतों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण के कार्य किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री शर्मा ने इस मौके पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत सिंदूर का पौधा लगाकर न केवल पर्यावरण के प्रति अपना संकल्प दोहराया, बल्कि नागरिकों से अपील की कि वे भी अपने जीवन में इस अभियान को अपनाएं। उन्होंने कहा कि हर पेड़ जीवन की रक्षा करता है, और अगर वह मां के नाम हो तो यह भावनात्मक जुड़ाव और भी गहरा हो जाता है।
राजस्थान का बड़ा हिस्सा शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में आता है, जहां बारिश का वितरण अत्यंत अनियमित है। ऐसे में भूजल पर अत्यधिक निर्भरता और उसके अत्यधिक दोहन ने राज्य को गंभीर जल संकट की ओर धकेला है। रिपोर्टों के अनुसार, राज्य ने 2023 में अपने वार्षिक भूजल पुनर्भरण का 149% तक उपयोग किया, जिससे भूजल स्तर चिंताजनक रूप से गिरता जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ वर्ष में जलापूर्ति को लेकर कई रणनीतिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा, "हम राजस्थान को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।" उनका मानना है कि जब तक जल स्रोतों का पुनर्जीवन नहीं होगा, तब तक सतत विकास संभव नहीं है।