Rajasthan News: पंचायतों के परिसीमन से राजस्थान में बवाल, बूंदी में ग्रामीणों ने जाम की सड़क
Rajasthan News - पंचायतों के परिसीमन से राजस्थान में बवाल, बूंदी में ग्रामीणों ने जाम की सड़क
राजस्थान में हाल ही में हुए पंचायतों के परिसीमन ने कई क्षेत्रों में असंतोष और विरोध को जन्म दिया है और इसी कड़ी में, बूंदी जिले में भी ग्रामीणों का भारी रोष देखने को मिला। रविवार को, बूंदी जिले के छपावदा गांव के निवासियों ने पंचायत परिसीमन के सरकारी फैसले। के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया, जिससे क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
छपावदा गांव के ग्रामीण ग्राम पंचायत बाजड़ से हटाकर जमीतपुरा में जोड़ने के सरकार के फैसले से बेहद नाराज थे। इस निर्णय के विरोध में, ग्रामीण सुबह से ही तालेड़ा–केशोरायपाटन मुख्य मार्ग पर जमा होने लगे। कुछ ही देर में, उन्होंने सड़क पर बैठकर आवागमन को पूरी तरह से रोक दिया और पंचायत पुनर्गठन के आदेश के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और यह प्रदर्शन इस बात का प्रतीक था कि ग्रामीण अपनी पहचान और प्रशासनिक सुविधा को लेकर कितने गंभीर हैं।
ग्रामीणों की मुख्य आपत्तियां
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का स्पष्ट कहना था कि सरकार ने उनकी राय लिए बिना ही अचानक पंचायत का पुनर्गठन कर दिया है। उनका तर्क था कि छपावदा गांव वर्षों से ग्राम पंचायत बाजड़ का अभिन्न हिस्सा रहा है, और अब उसे जमीतपुरा में जोड़ने से उनके विकास कार्यों में गंभीर बाधाएं आएंगी और ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि नए परिसीमन के कारण कई गांवों की दूरी बढ़ गई है, जिससे लोगों को छोटे-छोटे कामों के लिए भी दूर स्थित पंचायत तक पहुंचना पड़ेगा। इससे न केवल उनका समय बर्बाद होगा, बल्कि संसाधनों का भी अपव्यय होगा और यह स्थिति ग्रामीणों के लिए दैनिक जीवन में अतिरिक्त कठिनाइयां पैदा करेगी।क्षेत्रीय असमानता का डर
ग्रामीणों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए कहा कि पंचायत बदलने से क्षेत्रीय योजनाओं, बजट आवंटन और सुविधाओं के वितरण में असमानता उत्पन्न होगी। उन्हें डर है कि नए परिसीमन के तहत, उनके गांव को मिलने वाले लाभ और विकास के अवसर प्रभावित हो सकते हैं। पुरानी व्यवस्था में वे बाजड़ पंचायत के साथ एक सामंजस्यपूर्ण संबंध साझा करते थे, जो अब जमीतपुरा में जाने से बिगड़ सकता है। इस असमानता से उनके सामाजिक और आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित
विरोध प्रदर्शन के कारण तालेड़ा-केशोरायपाटन मुख्य मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इस अप्रत्याशित जाम के कारण कई यात्री घंटों तक फंसे रहे, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और जाम में स्कूलों की बसें, निजी वाहन, एंबुलेंस और मालवाहक गाड़ियां भी अटक गईं, जिससे दैनिक आवागमन और आवश्यक सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा। कुछ चालकों ने वैकल्पिक मार्ग तलाशने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों की भारी भीड़ और उनके दृढ़ संकल्प के कारण यह भी संभव नहीं हो पाया। सड़क पर फंसे यात्रियों में बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को विशेष कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
जैसे ही सड़क जाम और विरोध प्रदर्शन की सूचना प्रशासन तक पहुंची, अधिकारी तुरंत हरकत में आ गए। नायब तहसीलदार, पुलिस टीम और पंचायत विभाग के अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वार्ता शुरू की और उन्हें समझाने का प्रयास किया। प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी आपत्तियों को जिला प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा और इस मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा। अधिकारियों ने शांति बनाए रखने और सड़क खाली करने की अपील की, ताकि आम जनता को हो रही परेशानी कम हो सके।ग्रामीणों का अडिग संकल्प
हालांकि, ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जब तक पुरानी पंचायत व्यवस्था बहाल नहीं होती, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे और मौके पर मौजूद बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं ने एकजुट होकर अपनी बात रखी और साफ कहा कि पंचायत परिसीमन उनकी इच्छा और सहमति के बिना स्वीकार्य नहीं है। उनका यह दृढ़ संकल्प दर्शाता है कि वे अपने अधिकारों और स्थानीय शासन में अपनी भागीदारी को लेकर कितने गंभीर हैं। यह विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहने की संभावना है जब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।