SCO Meeting: राजनाथ सिंह ने SCO बैठक में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से किया साफ इनकार
SCO Meeting - राजनाथ सिंह ने SCO बैठक में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से किया साफ इनकार
SCO Meeting: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को चीन के क़िंगदाओ में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की स्पष्ट और अडिग नीति को दोहराया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख अपनाते हुए SCO के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इस बयान में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। भारत का मानना है कि इस पर चुप्पी आतंकवाद विरोधी उसकी प्रतिबद्धता को कमजोर करती।
पाकिस्तान पर सख्त टिप्पणीराजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को आश्रय देने और उन्हें सीमा पार हमलों के लिए प्रायोजित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के दोषियों, उनके वित्तपोषकों और समर्थकों को जवाबदेह ठहराया जाना जरूरी है और आतंकवाद से निपटने में "दोहरा रवैया" नहीं अपनाया जाना चाहिए।'शांति और आतंकवाद एक साथ संभव नहीं'रक्षा मंत्री ने कहा, “हमारे क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौतियाँ शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी हैं। और इसका मूल कारण कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद है।” उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि शांति और समृद्धि आतंकवाद के साथ सह-अस्तित्व में नहीं रह सकती। उन्होंने यह भी आगाह किया कि आतंकवादी समूहों को सामूहिक विनाश के हथियार सौंपने से क्षेत्रीय शांति खतरे में पड़ सकती है।आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांगराजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे तत्व जो आतंकवाद को अपने स्वार्थ के लिए बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि SCO जैसे बहुपक्षीय मंच को इस खतरे से निपटने के लिए एकजुट रुख अपनाना चाहिए और दोहरा मापदंड दिखाने वाले देशों की आलोचना करने में झिझक नहीं दिखानी चाहिए।भारत की नीति: आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंसरक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम हमला लश्कर-ए-तैयबा के पिछले हमलों की तरह ही था, जो दर्शाता है कि भारत अब भी सीमा पार आतंकवाद का शिकार हो रहा है। उन्होंने बताया कि भारत की नीति आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करने की है। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता की भारत की नीति पर भी दोहराया कि भारत वहाँ के लोगों की भलाई और स्थायित्व के लिए प्रतिबद्ध है।