Pakistan Occupied Kashmir: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में जनता का गुस्सा अब उबाल पर है। पाकिस्तानी हुक्मरानों के अत्याचारों से तंग आ चुकी जनता अब खुले तौर पर बगावत पर उतर आई है। अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज हो गए हैं, और सोमवार को घोषित हड़ताल ने पूरे क्षेत्र में लॉकडाउन जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इन विरोध प्रदर्शनों ने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया है। दुकानें बंद हैं, सड़कें अवरुद्ध हैं, और सार्वजनिक परिवहन पर पूरी तरह रोक लग चुकी है। अवामी एक्शन कमेटी के आह्वान पर मुजफ्फराबाद से कोटली तक प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही है। लोग इंसाफ और अपने हक की मांग को लेकर जोरदार नारे लगा रहे हैं।
अवामी एक्शन कमेटी, एक नागरिक गठबंधन, ने हाल के महीनों में व्यापक लोकप्रियता हासिल की है। इस संगठन से बड़ी संख्या में युवा जुड़े हैं, जो PoK में संरचनात्मक सुधारों की मांग कर रहे हैं। कमेटी ने 38 सूत्रीय चार्टर पेश किया है, जिसमें प्रमुख मांगें शामिल हैं:
पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए PoK विधानसभा में आरक्षित 12 विधायी सीटों को समाप्त करना।
सब्सिडी वाला आटा उपलब्ध कराना।
मंगला जलविद्युत परियोजना से जुड़ी उचित बिजली दरें सुनिश्चित करना।
इस्लामाबाद द्वारा वादा किए गए लंबे समय से रुके सुधारों को लागू करना।
मुजफ्फराबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए अवामी एक्शन कमेटी के प्रमुख नेता शौकत नवाज मीर ने कहा, "हमारा संघर्ष 1947 से हमें अस्वीकार किए गए बुनियादी अधिकारों के लिए है। पाकिस्तान सरकार PoK को एक कॉलोनी की तरह मानती है, न कि समान अधिकारों वाले अभिन्न अंग के रूप में।" उनके इस बयान ने प्रदर्शनकारियों में और जोश भरा है।
PoK में हो रहे इन प्रदर्शनों के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। हालात को काबू करने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। कई इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है, और इस्लामाबाद से अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई है। मुजफ्फराबाद जैसे शहरों में प्रवेश और निकास मार्गों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं।