Delhi Car Blast: लाल किले के पास धमाका: बड़ी साजिश का खुलासा, 12 की मौत, इरफान अहमद गिरफ्तार

Delhi Car Blast - लाल किले के पास धमाका: बड़ी साजिश का खुलासा, 12 की मौत, इरफान अहमद गिरफ्तार
| Updated on: 11-Nov-2025 09:44 PM IST
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए भीषण धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस दुखद घटना में कम से कम 12 लोगों की जान चली गई है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं और शुरुआती जांच में जो बातें सामने आई हैं, वे एक बड़ी और सुनियोजित साजिश की ओर इशारा करती हैं, जिसने अगर पूरी तरह से अंजाम दिया होता तो कहीं अधिक विनाशकारी परिणाम हो सकते थे।

जांच में बड़ा खुलासा: एक बड़ी साजिश

जांच एजेंसियों ने इस धमाके को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उनका मानना है कि यह धमाका किसी बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा था, जिसे समय रहते बढ़ी हुई सतर्कता और सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी के कारण पूरी तरह से अंजाम नहीं दिया जा सका और इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, यह एक 'पैनिक अटैक' का परिणाम लगता है, जहां मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर मोहम्मद अपने साथियों के पकड़े जाने और अपनी लोकेशन ट्रेस होने के बाद घबरा गया था। डॉ. चौकड़ी पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी थी और डॉ. उमर को पता था कि उसके बाकी साथी भी पकड़े। जा चुके हैं, और विस्फोटक भी जब्त कर लिया गया है। उसे यह भी आभास हो गया था कि वह भी जल्द ही पकड़ा जाएगा।

चलती गाड़ी में हुआ धमाका

जांच में सामने आया है कि डॉ और उमर फरीदाबाद में चल रही कार्रवाई के बाद बेहद घबरा गया था। वह एक अधूरी बम डिवाइस (IED) को कहीं और ले जाने या रास्ते में फेंकने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान, उसकी गाड़ी चलते-चलते ही उसमें धमाका हो गया। अधिकारियों का मानना है कि अगर देशभर में पहले से चल रही कड़ी निगरानी और सुरक्षा जांच नहीं होती, तो हमला कहीं ज्यादा बड़ा और घातक हो सकता था। धमाके के स्थल पर कोई गड्ढा नहीं बना और न ही कोई भारी वस्तु (प्रोजेक्टाइल) मिली, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह विस्फोट उतना शक्तिशाली नहीं था जितना कि योजना बनाई गई होगी।

विस्फोटक और जिंदा कारतूस बरामद

ब्लास्ट स्पॉट की जांच के दौरान FSL (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) टीम को अहम सुराग मिले हैं। टीम को घटनास्थल से 2 जिंदा कारतूस मिले हैं। इसके अलावा, दो तरह के विस्फोटक के नमूने भी FSL को मिले हैं। इनमें से पहला नमूना संभावित अमोनिया नाइट्रेट जैसा है, जबकि दूसरा विस्फोटक अमोनिया नाइट्रेट से भी ज्यादा घातक बताया जा रहा है और दूसरे विस्फोटक की प्रकृति और उसकी क्षमता की जांच की जा रही है, जिसके बाद ही उसकी सही पहचान स्पष्ट हो पाएगी। इन बरामदगियों से साजिश की गंभीरता और इस्तेमाल किए गए हथियारों की प्रकृति का पता चलता है।

इरफान अहमद की गिरफ्तारी

इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए इरफान अहमद को गिरफ्तार किया है। इरफान अहमद शोपियां का रहने वाला है और श्रीनगर की एक मस्जिद में इमाम है। उसे फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किया गया है। सीआईके (क्राइम इन्वेस्टिगेशन कश्मीर) टीम ने श्रीनगर पुलिस की मदद से इरफान अहमद को शोपियां से दबोचा। पुलिस को इरफान अहमद के पास से 5 मोबाइल फोन भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इरफान अहमद पर कट्टरता फैलाने (radicalisation) का आरोप है और पुलिस ने उसकी पत्नी को भी हिरासत में लिया है, जिससे आगे की पूछताछ की जा रही है। यह गिरफ्तारी इस बड़ी साजिश के तार जोड़ने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

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