देश: सरकार बनी तो आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवार के सदस्य को नौकरी देंगे: बादल
देश - सरकार बनी तो आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवार के सदस्य को नौकरी देंगे: बादल
चंडीगढ़: पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने अपना विजन बताया है. पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने कहा कि अगर उनका गठबंधन सत्ता में आया तो किसानों के हित में निर्णय लिए जाएंगे.उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) में पिछले 7 महीने में कई किसान अपनी जान दे चुके हैं. अगर पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सरकार आती है तो जिन लोगों ने इस संघर्ष में अपनी शहादत दी है, उस परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाएगी. उस परिवार के सभी बच्चों को पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई मुफ्त दी जाएगी और उस परिवार का मेडिकल इंश्योरेंस किया जाएगा.सुखबीर बादल ने इस संबंध में अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया है. उन्होंने कहा कि पिछले सात महीनों से पंजाब और दूसरे राज्यों के किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान केंद्र के कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसान जिनमें बुजुर्ग, माताएं शामिल हैं, सभी दिन रात कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इन सात महीनों में कई किसानों का निधन हो चुका है. करीब साढ़े पांच सौ किसान अपनी जान कुर्बान कर चुके हैं.पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने आगे कहा कि अगर पंजाब में साद और बसपा गठबंधन की सरकार बनती है, तो सबसे पहले जिन किसानों ने शहादत दी है, उस परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. ऐसे परिवार के सभी सदस्यों की पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त कराई जाएगी. इन परिवारों का मेडिकल इंश्योरेंस भी कराया जाएगा. ये सारा खर्चा पंजाब सरकार उठाएगी.मालूम हो कि अकाली और बसपा ने पंजाब विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने का ऐलान किया है. गठबंधन के बसपा 117 में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसमें दोआबा क्षेत्र की आठ सीटें, मालवा में सात और माझा क्षेत्र की पांच सीटें शामिल हैं. जिन सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी वह सीटें करतारपुर, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, फगवाड़ा, नवांशहर, होशियारपुर शहर, टांडा, दसूया, चमकौर साहिब, बस्सी पठाना, महल कलां, लुधियाना उत्तर, सुजानपुर, बोहा, पठानकोट, आनंदपुर साहिब, मोहाली, अमृतसर उत्तर, अमृतसर सेंट्रल और पायल हैं.दोनों पार्टियां 25 साल बाद एक साथ आई हैं, पिछली बार जब उन्होंने संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने 1996 के लोकसभा चुनाव में 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी. माना जाता है कि राज्य में 31 फीसदी दलित वोटों पर बसपा की अच्छी पकड़ है. इन मतों का मुख्य रूप से दोआबा क्षेत्र की 23 सीटों पर है.