Team India: अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू दोनों मोर्चों पर संघर्ष कर रहे साई सुदर्शन, शुभमन गिल की 'पसंदीदा' पसंद पर सवाल
Team India - अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू दोनों मोर्चों पर संघर्ष कर रहे साई सुदर्शन, शुभमन गिल की 'पसंदीदा' पसंद पर सवाल
भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा की पहचान और चयन हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में, युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन का प्रदर्शन और उन्हें मिल रहे लगातार मौके सुर्खियों में हैं और साई सुदर्शन, जिनसे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रन नहीं बने, वही सिलसिला सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट में भी जारी रहा। यह स्थिति भारतीय क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच चिंता का विषय बन गई है, खासकर जब टीम इंडिया के नए कप्तान शुभमन गिल के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष
साई सुदर्शन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई दो मैचों की टेस्ट सीरीज के एक महत्वपूर्ण मुकाबले में मौका दिया गया था और गुवाहाटी में खेले गए इस मैच में उनसे बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। पहली पारी में साई ने केवल 15 रन बनाए, जो एक सलामी बल्लेबाज या शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के लिए पर्याप्त नहीं थे। दूसरी पारी में भी उनके बल्ले से केवल 14 ही रन आए, जिससे उनकी अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। यह प्रदर्शन दर्शाता है कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी। जगह बनाने के लिए अभी काफी सुधार की आवश्यकता है। इससे पहले, जब उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेले थे, तब भी उनके बल्ले से केवल एक ही अर्धशतकीय पारी निकली थी, जो उनकी फॉर्म में निरंतरता की कमी को उजागर करता है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लगातार कम स्कोर बनाना किसी भी खिलाड़ी के लिए दबाव का। कारण बनता है और साई सुदर्शन के मामले में भी यही देखा जा रहा है।घरेलू क्रिकेट में भी निराशाजनक प्रदर्शन
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष के बाद, साई सुदर्शन से उम्मीद की जा रही थी कि वे घरेलू क्रिकेट में वापसी करेंगे और रन बनाएंगे। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, जो कि एक महत्वपूर्ण घरेलू टी20 टूर्नामेंट है, में उन्हें अपनी टीम तमिलनाडु के लिए खेलने का मौका मिला। वे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे, जो कि एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। हालांकि, यहां भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। साई सुदर्शन ने 10 गेंदों का सामना करते हुए केवल 13 रन बनाए और आउट हो गए। इस पारी में उनके बल्ले से एक भी चौका या छक्का नहीं निकला, जो टी20 प्रारूप में एक बल्लेबाज के लिए चिंताजनक है। घरेलू टूर्नामेंट में भी रन न बना पाना यह दर्शाता है कि उनकी फॉर्म में गंभीर गिरावट आई है और उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर गहनता से काम करने की जरूरत है। यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है जब एक खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर। पर खराब प्रदर्शन के बाद घरेलू मैदान पर भी वापसी करने में विफल रहता है।शुभमन गिल से संबंध और चयन पर सवाल
साई सुदर्शन के लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्हें मिल रहे मौकों पर सवाल उठ रहे हैं। इसका एक संभावित कारण टीम इंडिया के नए कप्तान शुभमन गिल के साथ उनका संबंध बताया जा रहा है। दरअसल, साई सुदर्शन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में गुजरात टाइटंस के लिए खेलते हैं, जिसकी कप्तानी शुभमन गिल करते हैं। इसी साल खेले गए आईपीएल में साई ने कुछ अच्छी पारियां खेली थीं, जिससे उन्हें पहचान मिली थी। हालांकि, आईपीएल का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट के प्रदर्शन से काफी अलग होता है और सूत्र बताते हैं कि जैसे ही शुभमन गिल टेस्ट के नए कप्तान बने, साई सुदर्शन को टीम में शामिल कर लिया गया। यह स्थिति भारतीय क्रिकेट में 'पसंदीदा' खिलाड़ियों के चयन की बहस को फिर से जन्म देती है। खराब फॉर्म के बावजूद लगातार मौके मिलना अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए भी निराशाजनक हो सकता है जो घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।टीम इंडिया के प्रदर्शन पर प्रभाव
खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता और मेरिट का पालन न करने से टीम के समग्र प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को 'बुरी तरह से पीटा' गया। था, और ऐसे में खिलाड़ियों की व्यक्तिगत फॉर्म और चयन मानदंड पर सवाल उठना स्वाभाविक है। यदि ऐसे खिलाड़ी जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू स्तर पर रन बनाने में दिक्कत हो रही है, उन्हें लगातार मौके दिए जाते हैं, तो यह टीम के संतुलन और आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकता है और एक मजबूत टीम बनाने के लिए यह आवश्यक है कि खिलाड़ियों का चयन उनकी वर्तमान फॉर्म, निरंतरता और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने की क्षमता के आधार पर किया जाए, न कि व्यक्तिगत संबंधों या आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर। साई सुदर्शन का मामला भारतीय चयन समिति के लिए एक चुनौती पेश करता है कि वे कैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर दें और साथ ही प्रदर्शन के आधार पर जवाबदेही भी तय करें।आगे की राह
साई सुदर्शन एक युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें अपनी फॉर्म पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सफल होने के लिए निरंतरता और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता महत्वपूर्ण है। चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि चयन। प्रक्रिया निष्पक्ष और प्रदर्शन-आधारित हो, ताकि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित रहे। लगातार मौके देना एक बात है, लेकिन प्रदर्शन न होने पर भी उन्हें जारी रखना, टीम के हित में नहीं हो सकता। यह देखना दिलचस्प होगा कि साई सुदर्शन अपनी फॉर्म में कब वापसी करते हैं और क्या चयनकर्ता भविष्य में उनके चयन को लेकर कोई बदलाव करते हैं।