Karni Mata Deshnok: करणी माता मंदिर में 'सावन भादो कढ़ाई' महाप्रसादी- 17500 किलो प्रसाद

Karni Mata Deshnok - करणी माता मंदिर में 'सावन भादो कढ़ाई' महाप्रसादी- 17500 किलो प्रसाद
| Updated on: 31-Dec-2024 09:00 PM IST
Karni Mata Deshnok: बीकानेर के प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में इस बार एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व महाप्रसादी का आयोजन किया जा रहा है। 'सावन भादो कढ़ाई' महाप्रसादी के तहत 17,500 किलो दाल का हलवा तैयार किया जाएगा, जो कि न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़ा भोग माना जा सकता है। यह महाप्रसादी नए साल के पहले दिन श्रद्धालुओं को वितरित की जाएगी। इस अद्भुत भोग के तैयार होने से पहले मंदिर परिसर में विशेष कथा का आयोजन हो रहा है, जिसे श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ सुन रहे हैं।

मान्यता और भोग का महत्व

मंदिर में यह मान्यता प्रचलित है कि जब किसी भक्त की मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वह इस 'सावन भादो कढ़ाई' भोग का आयोजन करता है। इस आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में अत्यधिक उत्साह है। हर साल की तरह इस बार भी भक्तों का आगमन जयपुर, जोधपुर, नागौर और राजस्थान के अन्य हिस्सों से जारी है। विशेषकर इस साल यह आयोजन और भोग विशाल होने के कारण राज्यभर से अधिक संख्या में लोग मंदिर में पहुंचे हैं।

100 साल में पहली बार बन रहा है दाल का हलवा

मंदिर के महंत डॉ. करणी प्रताप सिंह ने बताया कि इस साल के आयोजन में 100 वर्षों में पहली बार दाल का हलवा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए 3,130 किलो मूंग दाल, 3,130 किलो घी, 1 किलो केसर, 3,912 किलो चीनी, 4,500 किलो मावा, 6 किलो इलायची, 100 किलो बादाम कतरन और 51 किलो पिस्ता का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस विशाल भोग को तैयार करने के लिए 200 से अधिक कार्यकर्ता पिछले दो दिनों से मंदिर में काम में जुटे हुए हैं।

विशाल कढ़ाई में बन रहा हलवा

हलवे को बनाने के लिए मंदिर परिसर में विशेष रूप से तैयार की गई विशाल कढ़ाई का उपयोग किया जा रहा है। इस कढ़ाई का आकार और वजन भी काफी बड़ा है, और इसे पहले लकड़ी से गर्म किया जाता था, लेकिन अब इसे इलेक्ट्रिक तरीके से गर्म किया जा रहा है। इस तकनीक से हलवा जल्दी बनता है और प्रसाद तैयार करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है। कार्यकर्ता कढ़ाई में दाल को सेंकने के लिए "खुरपा" का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो पूरी श्रद्धा के साथ अपना काम कर रहे हैं। इसके बाद हलवा बड़े कढ़ाई में डाला जाएगा और श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया जाएगा।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दावा

इस विशाल भोग के आयोजकों का दावा है कि यह न सिर्फ देशनोक बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़ा भोग होगा। इसके लिए इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स की टीम को विशेष रूप से बुलाया गया है। वे इस अद्वितीय आयोजन का रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए आज शाम देशनोक पहुंचने वाले हैं। आयोजक दावा कर रहे हैं कि इस भोग के रूप में कोई भी अन्य स्थान अब तक इतनी बड़ी मात्रा में प्रसाद नहीं बना सका है।

महाराजा गंगा सिंह की कढ़ाई

बीकानेर के पूर्व महाराजा गंगा सिंह द्वारा बनाई गई कढ़ाई में यह विशाल भोग तैयार किया जा रहा है। इस कढ़ाई का आकार और वजन बहुत बड़ा है, और इसका इतिहास भी बहुत महत्वपूर्ण है। पहले इस कढ़ाई को लकड़ी से गर्म किया जाता था, लेकिन अब इलेक्ट्रिक सिस्टम के माध्यम से इसे तेज़ी से गर्म किया जाता है, जिससे हलवा जल्दी तैयार होता है और प्रसाद का वितरण समय पर किया जा सकता है।

इस भव्य आयोजन को देखकर श्रद्धालु और भक्त अपने दिलों में एक नई उमंग और आस्था महसूस कर रहे हैं। यह आयोजन बीकानेर की धार्मिक विरासत का हिस्सा बन चुका है और साल दर साल श्रद्धालुओं का मनोबल और विश्वास और मजबूत करता है।

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