दुनिया: वैज्ञानिकों का दावा, रेगिस्तान बनने की तरफ है इज़रायल

दुनिया - वैज्ञानिकों का दावा, रेगिस्तान बनने की तरफ है इज़रायल
| Updated on: 26-May-2020 09:24 AM IST
इज़रायल: ज़मीन का बंजर (Arid Wasteland) होते जाना, भूमिगत पानी (Ground Water Level) का स्तर न्यूनतम होते चले जाना यानी किसी भूखंड का रेगिस्तान बनते चले जाना भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों की समस्या है। ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming), क्लाइमेट चेंज (Climate Change) के साथ ही अन्य कई कारणों से यह खतरा पैदा हो रहा है। वैज्ञानिकों (Scientists) ने चेतावनी दी है कि इज़रायल के सामने रेगिस्तान बन जाने का बड़ा खतरा है। ताज़ा रिपोर्ट के हवाले से इस बारे में विस्तार से जानें।

कैसे पूरा देश रेगिस्तान बन जाएगा?

हाइफा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बीते मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पर्यावरण से जुड़ी मौजूदा स्थितियां ऐसी ही बनी रहीं तो सदी के अंत तक इज़रायल के रेगिस्तान बन जाने का खतरा है। इज़रायल के अखबार यिज़रायल हायोम से बात करते हुए प्रोफेसर यूरी शनास ने कहा कि अगर भविष्य के लिए तापमान बढ़ने के अनुमानों को देखा जाए तो पूरा देश रेगिस्तान बनने जा रहा है।

लगातार बढ़ रहा है तापमान

प्रोफेसर शनास के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट ने लिखा कि पिछले दशक में जिस तरह तापमान बढ़ता दिखा, वह सामान्य नहीं था। हर साल लंबे समय के लिए तापमान बढ़ रहा है। मौसम की भयानक स्थितियों की तरफ ग्राफ बढ़ता दिख रहा है। अमूमन ठंडे रहने वाले गैलि​ली में नेजेव रेगिस्तान जैसा तापमान हो जाएगा, अगर ग्लोबल वॉर्मिंग का कहर इसी तरह जारी रहा।


क्या ये साल होगा सबसे गर्म?

तेल अवीव यूनि​वर्सिटी के प्रोफेसर कॉलिन प्राइस ने भी शनास से स​हमति जताते हुए कहा है कि उद्योगों, एनर्जी सेकटर, पावर प्लांट और बेतहाशा वाहनों के ज़रिये ग्रीनहाउस गैसों में बेतरतीब बढ़ोत्तरी हो रही है, जो इज़रायल ही नहीं पूरी पृथ्वी के लिए खतरनाक है। इन्हीं तमाम वजहों से विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि इज़रायल के इतिहास में साल 2020 सबसे ज़्यादा गर्म होने जा रहा है।


क्या हैं तापमान के आंकड़े?

इज़रायली मौसम विज्ञान सेवा की भविष्यवाणी की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में लू का कहर देश में टूट सकता है। खबरों में कहा गया कि इज़रायल के समुद्री तटों के आसपास लगातार एक पूरे हफ्ते तक तापमान 38°C से ज़्यादा बना रहा। यह पहली बार हुआ है। हीटवेव के अनुमान के बारे में कहा गया है कि मृत सागर के पास ईन गेडी में तापमान 48°C तक पहुंच सकता है, जबकि टिबेरियरस और ईलात में 45°C तक।

इसके अलावा बीरशेवा में तापमान 43°C तक जाने के अनुमान हैं, जबकि तेल अवीव में 42°C तक और जेरूसलेम में 38°C तक तापमान पहुंचने के अंदाज़े लगाए गए।


दुनिया में रेगिस्तान बनने के खतरे

पिछले साल भारत ने ज़मीनों के रेगिस्तान होने के बढ़ते खतरे पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, तब आंकड़े सामने आए थे कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के बराबर की ज़मीन यानी भारत की 30 फीसदी भूमि रेगिस्तान बनने की चपेट में आ चुकी थी। जंगलों की कटाई, ज़रूरत से ज़्यादा पैदावार, मिट्टी क्षरण और नम भूमि के बेतहाशा दोहन जैसे कारणों से ये खतरा पैदा हुआ।

भारत के अलावा, अफ्रीका और अमेरिका के भी कई हिस्सों में इस तरह के ​खतरे नज़र आ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र समय समय पर इस संबंध में रिपोर्ट्स प्रकाशित करता रहा है। पिछले ही साल अमेज़न के जंगलों की आग को भी ग्लोबल वॉर्मिंग से जोड़कर देखा गया था। कुल मिलाकर यह बड़ा खतरा है, जिसके बारे में विशेषज्ञ लगातार चेतावनियां दे रहे हैं।


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