Session App: आरोपी ने किया ‘सेशन’ ऐप का इस्तेमाल, जानें कैसे करता है काम और क्यों है ये इतना गोपनीय?

Session App - आरोपी ने किया ‘सेशन’ ऐप का इस्तेमाल, जानें कैसे करता है काम और क्यों है ये इतना गोपनीय?
| Updated on: 13-Nov-2025 07:25 PM IST
दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां मामले की गहनता से जांच कर रही हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नए और चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। हालिया जांच में यह पता चला है कि इस हमले में शामिल एक संदिग्ध, डॉक्टर उमर नबी, जो कार चला रहा था, उसने अपने संचार के लिए एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया था। यह ऐप 'सेशन' के नाम से जाना जाता है, जो अपनी अत्यधिक एन्क्रिप्टेड चैट सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध है।

संदिग्ध द्वारा 'सेशन' ऐप का उपयोग

पुलिस की जांच में सामने आया है कि दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी डॉक्टर उमर नबी ने अपने साथियों के साथ बातचीत करने के लिए 'सेशन' ऐप का सहारा लिया था। यह ऐप अपनी गोपनीयता और सुरक्षा के लिए जाना जाता है, जो इसे उन लोगों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बनाता है जो अपनी पहचान और संचार को छिपाना चाहते हैं। आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्लास्ट के समय आरोपी इसी ऐप का इस्तेमाल कर रहा था, जिससे जांचकर्ताओं के लिए उसके डिजिटल पदचिह्नों का पता लगाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के उपयोग की बारीकियों को समझने के लिए प्रेरित किया है। **'सेशन' ऐप क्या है? 'सेशन' ऐप गूगल प्ले स्टोर पर आसानी से उपलब्ध एक निजी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है। इसके डेवलपर्स का दावा है कि यह ऐप किसी भी केंद्रीय सर्वर पर निर्भर नहीं करता है। पारंपरिक मैसेजिंग ऐप्स के विपरीत, जहां उपयोगकर्ता का डेटा अक्सर एक केंद्रीय सर्वर। पर संग्रहीत होता है, 'सेशन' ऐप इस मॉडल से हटकर काम करता है। इस विकेन्द्रीकृत संरचना का मुख्य लाभ यह है कि इसमें उपयोगकर्ताओं का डेटा सेव नहीं होता है। नतीजतन, डेटा लीक होने या तीसरे पक्ष द्वारा जानकारी तक पहुंचने का डर काफी हद तक कम हो जाता है, जिससे यह उन लोगों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है जो अपनी गोपनीयता को अत्यधिक महत्व देते हैं। 'सेशन' ऐप की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह उपयोगकर्ताओं को बिना किसी फोन नंबर या ईमेल आईडी के अकाउंट बनाने की अनुमति देता है। यह सुविधा ऐप को अत्यधिक गुमनाम बनाती है, क्योंकि उपयोगकर्ता की पहचान सीधे किसी व्यक्तिगत जानकारी से नहीं जुड़ी होती है। ऐप के लिए कोई सख्त गोपनीयता नीति या नियम भी नहीं बनाए गए हैं, जो इसकी गुमनामी को और बढ़ाता है। यह विशेषता इसे उन लोगों के लिए एक आदर्श उपकरण बनाती है जो निगरानी से बचना चाहते हैं या अपनी गतिविधियों को गोपनीय रखना चाहते हैं, जैसा कि दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध के मामले में देखा गया है। यह सुविधा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए ऐसे उपयोगकर्ताओं की पहचान करना और उनके संचार को ट्रैक करना बेहद मुश्किल बना देती है।

बिना नंबर या ईमेल के अकाउंट बनाने की सुविधा

NIA की विशेष टीम जांच में जुटी

दिल्ली ब्लास्ट की गंभीरता को देखते हुए, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। NIA ने इस जटिल मामले की तह तक जाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। इस टीम में 10 अनुभवी अधिकारी शामिल हैं, और इसका नेतृत्व ADG विजय सखारे कर रहे हैं। NIA की यह विशेष टीम अब 'सेशन' ऐप के उपयोग और ब्लास्ट से जुड़े अन्य सभी पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है, ताकि साजिश के पीछे के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। इस टीम का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि इस ऐप का उपयोग। किस हद तक किया गया और इसके माध्यम से क्या-क्या जानकारी साझा की गई।

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