उत्तर प्रदेश: शाहजहांपुर दुष्कर्म मामला: आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी चिन्मयानंद की रिमांड पेशी

उत्तर प्रदेश - शाहजहांपुर दुष्कर्म मामला: आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी चिन्मयानंद की रिमांड पेशी
| Updated on: 16-Oct-2019 07:35 AM IST
शाहजहांपुर | छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद चिन्मयानंद की रिमांड पेशी बुधवार को होगी। समझा जा रहा है कि उनकी भी रिमांड पेशी सुरक्षा के लिहाज से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। 20 सितंबर से जेल में बंद चिन्मयानंद की रिमांड पेशी इससे पहले तीन अक्तूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही हुई थी।

फोन से गायब डाटा नहीं हो सका रिकवर

अपने ही कॉलेज की छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद के मोबाइल फोन से डिलीट किया गया डाटा लखनऊ फोरेंसिक लैब में रिकवर नहीं हो सका है। अब एसआईटी ने दोनों फोन बेहद गोपनीय तरीके से बंगलूरू या फिर भोपाल फोरेंसिक लैब भेज दिए हैं, ताकि डाटा रिकवरी हो सके। वहीं, छात्रा और उसके दोस्तों के मोबाइल अब तक तक एसआईटी के हाथ नहीं लगे हैं। इन्हें बरामद करने का एसआईटी प्रयास कर रही है।

एलएलएम की छात्रा से दुष्कर्म और चिन्मयानंद से पांच करोड़ फिरौती मांगे जाने की जांच एसआईटी छह सितंबर से हाईकोर्ट की निगरानी में कर रही है। जांच के दौरान एसआईटी ने चिन्मयानंद के दो एंड्रायड मोबाइल कब्जे में लिए थे, लेकिन उसमें कुछ महत्वपूर्ण डाटा गायब मिला था। उसे रिकवर करने के लिए एसआईटी ने मोबाइल लखनऊ फोरेंसिक लैब भेजे थे। 

सूत्रों के मुताबिक लखनऊ फोरेंसिक लैब में चिन्मयानंद के मोबाइल से हटाए गए डाटा की रिकवरी नहीं हो पाई, इसलिए फोरेंसिक लैब ने यह दोनों मोबाइल एसआईटी को वापस कर दिए। अब तकनीकी तौर पर एडवांस मोबाइल फोरेंसिक लैब (भोपाल या बंगलूरू) भेजे गए हैं। बताया जाता है कि साक्ष्यों के लिहाज से चिन्मयानंद के मोबाइल में हटाया गया डाटा बेहद महत्वपूर्ण है, यदि डाटा रिकवर हो जाता है तो एसआईअी की जांच को मजबूती मिलने के साथ ही केस को भी मजबूती मिलेगी।

आरोपियों को जेल भेजे जाने से पहले एसआईटी ने दुष्कर्म पीड़ित छात्रा और उसके दोस्त संजय व चिन्मयानंद के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो उससे पता चला था कि छात्रा की आठ महीने चिन्मयानंद से मोबाइल पर 200 बार बात हुई, वहीं संजय से 42 सौ बार बात हुई। इन चीजों को जांच में शामिल कर चिन्मयानंद के मोबाइल को कब्जे में लिया तो उसमें महत्वपूर्ण डाटा गायब था। 

वहीं छात्रा और संजय का मोबाइल अभी तक एसआईटी के हाथ नहीं लगा है। संजय का मोबाइल बरामद करने के लिए एसआईअी सचिन और विक्रम को 95 घंटे की रिमांड पर लेकर राजस्थान के दौसा तक जा चुकी है, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहां, एसआईटी को मोबाइल का कवर और कुछ टूटे टुकड़े मिले थे।

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