Jaipur News: जयपुर में शंकर के समोसे खराब तेल में बने- सोडानी-कलकत्ता चाट और पिंक पर्ल समेत 16 सैंपल फेल

Jaipur News - जयपुर में शंकर के समोसे खराब तेल में बने- सोडानी-कलकत्ता चाट और पिंक पर्ल समेत 16 सैंपल फेल
| Updated on: 09-Jul-2024 10:48 PM IST
Jaipur News: जयपुर में अगर आप समोसे, पनीर से बने आइटम, चिकन चंगेजी, दूध-दही, आइस कैंडी खा रहे हैं तो जरा सतर्क हो जाइए। खाद्य विभाग की जांच में राजधानी के नामी-गिरामी मिठाई से लेकर अन्य स्टोर से लिए गए सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। शंकर समोसा के यहां खराब तेल उपयोग में लिया जा रहा था। सोडानी स्वीट्स, कलकत्ता चाट और पिंक पर्ल समेत तमाम खाद्य पदार्थ बेचने वालों के यहां से पनीर के लिए गए सैंपल मिलावटी मिले हैं। इतना ही नहीं, नॉनवेज के शौकीनों को भी परेशान करने वाली खबर है। मोहम्मदी पैलेस के चिकन चंगेजी का नमूना भी फेल हो गया है। इससे साफ है कि शहर में बिक रहे अधिकांश खाद्य पदार्थ हमारे सेहत के लिए खतरनाक हैं।

281 में से 14 सैंपल अनसेफ पाए गए

मिलावट के शक में खाद्य विभाग की ओर से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट अभी आई ही है। खाद्य पदार्थों के 281 में से 14 सैंपल अनसेफ (फेल) पाए गए हैं। वहीं, 78 सब-स्टैंडर्ड (फेल)। 159 की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। पिछले दिनों विभाग ने 440 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए थे। अनसेफ पाए गए सैंपलों में मसालों और मिठाई के 3-3 सैंपल हैं। वहीं, ग्रेवी के 2, दूध-दही, तेल, आइसक्रीम, छोला दाल, आइस कैंडी के 1-1 सैंपल अनसेफ मिले हैं। शंकर समोसा से लिया गया तेल का सैंपल भी सेहत के लिए नुकसानदायक है। सोडानी-कलकत्ता चाट और पिंक पर्ल समेत पनीर के 16 सैंपल सब-स्टैंडर्ड मिले हैं। मिलावटी देसी घी 13 जगहों पर बिकता मिला था।

मोहम्मदी पैलेस के चिकन चंगेजी का नमूना भी फेल

पिछले दिनों विभाग ने 440 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए थे, जिसमें से 14 अनसेफ और 78 सब स्टैंडर्ड मिले हैं। वहीं 159 की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। मसाला और मिठाई के 3-3 सैंपल अनसेफ मिले हैं। वहीं ग्रेवी के दो, दूध-दही, तेल, आइसक्रीम, छोला दाल, आइस केंडी का एक-एक सैंपल अनसेफ मिला है। इसमें मोहम्मदी पैलेस के चिकन चंगेजी का नमूना भी अनसेफ मिला।

281 खाद्य पदार्थों में 14 सैंपल अनसेफ, 78 सब-स्टैंडर्ड, 159 की रिपोर्ट बाकी; बड़ा सवाल- सजा कितनों को होगी?

पनीर उद्योग, दूध मंडी, शास्त्री नगर, प्रेम प्रकाश शर्मा

  • घी- अनसेफ। मिलावटी दूध से बना था। हर महीने करीब 350 किलो घी लोग खरीद ले जाते हैं।
मोहम्मदी पैलेस, चांदपोल, फैजल कुरैशी

  • ग्रेवी, चिकन चंगेजी, काली मिर्च- अनसेफ। काली मिर्च में रंग मिला। ग्रेवी में तेल घातक था। रोज सैकड़ों लोग खाना खाते हैं।
एमबी स्वीट्स शॉप, निर्माण नगर, रमेश चौधरी

  • केसर बर्फी - अनसेफ। रंग मिलाया हुआ था। हर महीने औसत 400 किलो मिठाई बिकती है।
शुभम मार्केटिंग, सीकर रोड, माती मीणा देवी

  • सब्जी मसाला एमडीएच- अनसेफ। शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल। हर महीने सैकड़ों किलो बिकता है।
फोनिक्स ट्रेड विजन, वीकेआई, विराट अग्रवाल,

  • कैल्शियम पाउडर, एवरेस्ट मसाला, अनसेफ, शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल। हर महीने सैकड़ों किलो बिकता है।
श्याम धणी इंडस्ट्रीज, वीकेआई, चंद्रप्रकाश शर्मा,

  • गरम मसाला, श्याम धणी - अनसेफ। केमिकल की मिलावट। हर महीने सैकड़ों किलो बिकता है।
कमल आइसक्रीम, भवानी नगर मुरलीपुरा, कमल सैनी

  • आइसक्रीम – अनसेफ। पॉम ऑयल से बनी हुई थी। 400 किलो तक हर महीने बिकती है।
विनायक आइस कैंडी, जोडला पावर हाउस, सीकर रोड, भगवान दास

  • आइस कैंडी - अनसेफ। पॉम ऑयल से बनी थी। 500 किलो तक हर महीने बिकती है।
लक्ष्मी स्वीट कैटर्स, मोती कटला बाजार, जयपुर, सतीश कुमार अग्रवाल

  • छोला दाल, अनसेफ। रंग की मिलावट। सैकड़ों किलो बिकती है।
शंकर समोसा, राजापार्क, राहुल मदान

  • यूज्ड कुकिंग ऑयल सोयाबीन, अनसेफ। एक ही तेल को बार-बार यूज किया हुआ था और वह खराब हो चुका था। शरीर को नुकसान तय। रोज चार हजार से अधिक समोसे बिकते हैं।
बीएल फूडस, प्रगति बाजार, बिदाजी चौराहा, बस्सी, अमित कुमार शर्मा

  • केसर बर्फी -अनसेफ - मावा, केसर, चीनी, पिस्ता से बनी हुई थी। बर्फी में खराब मावा मिला। केसर घटिया क्वालिटी का होना सामने आया। हर महीने 400 किलो तक बिकती है।
पनीर सबसे ज्यादा मिलावटी

  • जांच रिपोर्ट में 78 सैंपल सब-स्टैंडर्ड हैं। इसमें सबसे ज्यादा पनीर के 16 सैंपल हैं। देसी घी के 13, तेल के 8, मिठाई के 5, दही के 3 नमूने सब-स्टैंडर्ड हैं। इसके अलावा मसाला, दाल, बटर, आइसक्रीम, आइस कैंडी सहित कई खाद्य पदार्थों के एक से दो नमूने सब-स्टैंडर्ड मिले हैं।
कैंसर, लिवर की बीमारियां तय

  • प्रोडक्ट में एसिटामिप्रिड, थियामेथोक्साम, इमिडाक्लोप्रिड, ट्राईसाइलाजोन, प्रोफिनोफोस, एसिटामिप्रिड, थियामेथोक्साम एवं एसिटामिप्रिड, इथियोन तक मिला है। इनसे जी घबराना, चक्कर आना, रेस्परेट्री फेलियर होने के अलावा मौत तक हो सकती है। एक्सपर्ट की मानें तो लगातार नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं। साथ ही पुरुष पिता नहीं बन सकते। लिवर संबंधी रोग भी होते हैं। उल्टी-दस्त, सिरदर्द, पसीना आना, त्वचा और आंखों में खुजली तक होती है। नर्वस सिस्टम और हार्मोन सिस्टम भी प्रभावित होता है।
  • खाद्य सुरक्षा निदेशक पंकज ओझा ने कहा- सरकार का उद्देश्य है कि आमजन को खाने को शुद्ध मिले, इसके लिए अभियान चलाया गया और अब रिपोर्ट आ गई है। आगे भी कार्रवाई जारी रखेंगे। लोग भी अवेयर हों। किसी भी तरह की गड़बड़ी लगे तो हमें सूचना दें।
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