Share Market: शेयर बाजार में 4 लाख करोड़ का बंपर मुनाफा: अमेरिका से 'गुड न्यूज' की उम्मीद से आई तेजी
Share Market - शेयर बाजार में 4 लाख करोड़ का बंपर मुनाफा: अमेरिका से 'गुड न्यूज' की उम्मीद से आई तेजी
बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए एक शानदार दिन रहा, जब. दो दिनों की लगातार गिरावट के बाद बाजार में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया. इस तेजी के कारण निवेशकों ने एक ही दिन में 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की. बाजार में यह सकारात्मक रुझान सरकारी बैंकों और मेटल शेयरों में मजबूत रिकवरी के साथ-साथ विदेशी. निवेशकों की वापसी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण भी देखने को मिला.
बाजार में जबरदस्त उछाल और प्रमुख सूचकांकों का प्रदर्शन
बुधवार को शेयर बाजार में उत्साह का माहौल रहा और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर 634. 64 अंकों की तेजी के साथ 85,221. 55 अंकों पर कारोबार कर रहा था. कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स ने 679. 29 अंकों की बढ़त के साथ 85,266. 30 का स्तर भी छुआ. हालांकि, सेंसेक्स अपने लाइफ टाइम हाई 85,978. 25 अंकों से लगभग 750 अंक पीछे रहा. जानकारों का मानना है कि यदि बाजार में इसी तरह की तेजी जारी रहती है, तो सेंसेक्स जल्द ही अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ सकता है और वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 196. 25 अंकों की तेजी के साथ 26,081 अंकों पर कारोबार कर रहा था और कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 213. 55 अंकों की बढ़त के साथ 26,098 और 35 अंकों पर पहुंच गया. निफ्टी का लाइफ टाइम हाई 26,277. 35 अंक है, जिसका अर्थ है कि यह अभी भी अपने उच्चतम. स्तर से लगभग 180 से 190 अंक नीचे कारोबार कर रहा था.तेजी के पीछे अमेरिका से 'गुड न्यूज' की उम्मीद
शेयर बाजार में इस अप्रत्याशित तेजी का सबसे बड़ा कारण अमेरिका से आने वाली 'गुड न्यूज' की उम्मीदें हैं. यह अच्छी खबर टैरिफ में कटौती या किसी नई ट्रेड डील से संबंधित नहीं है, बल्कि दिसंबर के महीने में होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों से जुड़ी है और अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों में नरमी के बाद फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दरों में जल्द ही ढील देने की संभावना मजबूत हुई है, जिसका सकारात्मक असर एशियाई बाजारों सहित वैश्विक बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है. मंगलवार को अमेरिकी बाजारों ने भी अपनी वापसी जारी रखी, जहां S&P 500 और नैस्डैक कंपोजिट ने लगातार तीसरे दिन बढ़त दर्ज की. यह तेजी अनुमान से कम खुदरा बिक्री और उपभोक्ता विश्वास में गिरावट जैसे आंकड़ों से प्रेरित थी, जो फेड द्वारा दरों में कटौती की संभावना को और मजबूत करते हैं.विदेशी निवेशकों की वापसी और घरेलू समर्थन
बाजार की तेजी में विदेशी निवेशकों की वापसी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने लगभग 785 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत था और इसके साथ ही, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भी लगभग 4,000 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार बनकर बाजार को मजबूत समर्थन प्रदान किया. इन दोनों प्रमुख निवेशक वर्गों की खरीदारी ने बाजार में विश्वास बहाल किया और तेजी को बढ़ावा दिया.कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का सकारात्मक प्रभाव
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी शेयर बाजार के लिए एक अनुकूल कारक साबित हुई. मंगलवार की गिरावट के बाद तेल की कीमतों में स्थिरता आई, जो यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की अमेरिका समर्थित शांति योजना को आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त करने वाली टिप्पणी से प्रेरित थी. बाजारों ने इस घटनाक्रम को रूसी ऊर्जा पर पश्चिमी प्रतिबंधों में ढील देने की दिशा में एक संभावित कदम के रूप में देखा, जिससे वैश्विक तेल आपूर्ति बढ़ सकती है. ब्रेंट क्रूड वायदा पांच सप्ताह के निचले स्तर को छूने के बाद 0 और 3 फीसदी बढ़कर 62. 68 डॉलर पर पहुंच गया, जबकि यूरोपीय ऊर्जा कीमतें 18 महीनों के अपने सबसे निचले स्तर पर आ गईं. कच्चे तेल की कम कीमतें आयात-निर्भर देशों जैसे भारत के लिए आर्थिक राहत लाती हैं,. जिससे कंपनियों की लागत कम होती है और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि की संभावना बनती है.किन शेयरों में दिखी तेजी और गिरावट
30 शेयरों वाले सेंसेक्स में, भारती एयरटेल ही एकमात्र ऐसा शेयर रहा जिसमें नुकसान देखने को मिला, जिसमें दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. इसके विपरीत, सेंसेक्स में सबसे ज़्यादा लाभ में रहने वाले शेयरों में टाटा मोटर्स पीवी, ट्रेंट, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, अदानी पोर्ट्स, इंफोसिस और मारुति सुजुकी शामिल रहे, जिनमें 3 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई और ब्रॉडर मार्केट में भी मिला-जुला रुझान देखने को मिला, जहां स्मॉल-कैप और मिड-कैप दोनों सूचकांक क्रमशः 0. 25 और 0. 1% नीचे रहे. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के शेयरों में करीब डेढ़ फीसदी की तेजी देखने को मिली, जो सरकारी बैंकों में रिकवरी का संकेत है.मुद्रा बाजार का हाल
बुधवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कल के 89. 22 के बंद स्तर की तुलना में 89. 25 पर खुला. करेंसी मार्केट में, डॉलर येन के मुक़ाबले 0. 2 फीसदी बढ़कर 156. 33 पर पहुंच गया, जबकि डॉलर सूचकांक 99. 833 पर स्थिर रहा. हाजिर सोना 0 और 2 फीसदी बढ़कर 4,131. 78 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था. रुपये की स्थिति वैश्विक मुद्रा बाजार के रुझानों और घरेलू आर्थिक कारकों से प्रभावित होती है, और इस दिन यह डॉलर के मुकाबले मामूली रूप से कमजोर खुला.निवेशकों को 4 लाख करोड़ रुपए का बंपर फायदा
शेयर बाजार में इस जबरदस्त तेजी की वजह से निवेशकों को मोटा फायदा हुआ और निवेशकों का फायदा और नुकसान बीएसई के मार्केट कैप पर निर्भर करता है. आंकड़ों के अनुसार, एक दिन पहले बीएसई का मार्केट कैप 4,69,41,940. 65 करोड़ रुपए पर था, जो बुधवार को बढ़कर 4,73,42,024. 02 करोड़ रुपए पर पहुंच गया और इसका मतलब है कि बीएसई की वैल्यूएशन में 4,00,083. 37 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है, जो सीधे तौर पर शेयर बाजार निवेशकों की कमाई को दर्शाता है और यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो बाजार में मजबूत विश्वास और सकारात्मक भावना को उजागर करती है.