IPO Market 2025: शेयर बाजार में 'पैसों की बारिश': 2025 में IPO ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2 लाख करोड़ की कमाई ने मचाया तहलका!
IPO Market 2025 - शेयर बाजार में 'पैसों की बारिश': 2025 में IPO ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2 लाख करोड़ की कमाई ने मचाया तहलका!
साल 2025 भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। यह वह वर्ष रहा जब देश के प्राइमरी मार्केट ने अभूतपूर्व उछाल देखा, जिसने सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए। निवेशकों की जबरदस्त भागीदारी और कंपनियों के बढ़ते भरोसे ने मिलकर एक ऐसा माहौल बनाया, जहाँ पूंजी जुटाने का नया कीर्तिमान स्थापित हुआ और इस साल IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) बाजार ने उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और विकास की क्षमता पर मुहर लगी।
रिकॉर्ड तोड़ फंडरेजिंग का नया अध्याय
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 भारत के IPO इतिहास का अब तक का सबसे शानदार साल रहा। कंपनियों ने निवेशकों के अटूट भरोसे और बाजार की मजबूत धारणा का लाभ उठाते हुए करीब 2 लाख करोड़ रुपये जुटाए। यह आंकड़ा विशेष रूप से 1 और 95 लाख करोड़ रुपये रहा, जो IPO फंडरेजिंग के मामले में एक नया मील का पत्थर साबित हुआ। इस विशाल पूंजी प्रवाह ने न केवल कंपनियों को अपने विस्तार योजनाओं को वित्तपोषित करने में मदद की, बल्कि निवेशकों को भी आकर्षक रिटर्न कमाने का अवसर प्रदान किया।IPO की संख्या और जुटाई गई पूंजी
वर्ष 2025 में कुल. 365 से अधिक IPO बाजार में आए, जिनके माध्यम से 1. 95 लाख करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि जुटाई गई। यह आंकड़ा पिछले वर्ष 2024 के प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ गया, जब 336 IPO के जरिए 1. 90 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे। इन दो लगातार वर्षों, 2024 और 2025, में कुल 3. 8 लाख करोड़ रुपये IPO के माध्यम से बाजार में आए। यह राशि 2019 से 2023 तक के पूरे पांच सालों में जुटाई गई कुल रकम से भी अधिक है, जो भारतीय प्राइमरी मार्केट की असाधारण वृद्धि को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।मेनबोर्ड IPO का दबदबा
इस बंपर फंडरेजिंग में मेनबोर्ड IPO की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही। 2025 में आए कुल IPO में से 106 मेनबोर्ड इश्यू थे, जिन्होंने अकेले लगभग 1. 83 लाख करोड़ रुपये जुटाए और यह दर्शाता है कि बड़ी और स्थापित कंपनियों ने बाजार में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई और निवेशकों का विश्वास जीता। दूसरी ओर, 259 SME (स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) IPO भी आए, जिनकी संख्या तो। अधिक थी, लेकिन फंड जुटाने में उनका योगदान मेनबोर्ड IPO की तुलना में सीमित रहा। पिछले दो वर्षों में, 198 मेनबोर्ड कंपनियों ने मिलकर करीब 3. 6 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो उनकी बाजार में बढ़ती धाक को प्रमाणित करता है।प्रमुख IPO और सेक्टर का प्रदर्शन
साल 2025 की एक और बड़ी खासियत बड़े और बहुचर्चित IPO का आगमन रहा। अक्टूबर 2025 में आया टाटा कैपिटल का 15,500 करोड़ रुपये का IPO देश के इतिहास के सबसे बड़े IPO में से एक बन गया, जिसने बाजार में काफी उत्साह पैदा किया। सेक्टर के लिहाज से देखा जाए तो, NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) सेक्टर सबसे आगे रहा, जिसने कुल फंडरेजिंग में 26. 6% की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी दर्ज की। इसके बाद कैपिटल गुड्स, टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सेक्टरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विविध क्षेत्रों में विकास की गति को दर्शाता है।निवेशकों का अभूतपूर्व भरोसा और उत्साह
इस अवधि में निवेशकों की दिलचस्पी अपने चरम पर रही। पिछले दो सालों में, IPO औसतन 26 गुना से भी अधिक सब्सक्राइब हुए, जो निवेशकों के जबरदस्त भरोसे और बाजार में तरलता की प्रचुरता को दर्शाता है। विशेष रूप से SME IPO में तो कई इश्यू 100 गुना से भी ज्यादा सब्सक्रिप्शन के साथ आए, जो छोटे और मध्यम उद्यमों में भी निवेशकों की बढ़ती रुचि को उजागर करता है और इसके अतिरिक्त, लगभग 55% मेनबोर्ड IPO अभी भी अपने इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक रिटर्न और बाजार की स्थिरता का संकेत है।IPO बाजार का उज्ज्वल भविष्य
आगे भी भारतीय IPO बाजार के मजबूत बने रहने की प्रबल उम्मीद है। घरेलू निवेश में वृद्धि, म्यूचुअल फंड SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में लगातार बढ़ोतरी और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के चलते बाजार में पूंजी का प्रवाह जारी रहने की संभावना है। रिन्यूएबल एनर्जी, क्विक कॉमर्स और ऐप-बेस्ड बिजनेस जैसे नए और उभरते सेक्टर अगली IPO लहर का नेतृत्व कर सकते हैं और यह स्पष्ट है कि भारत का शेयर बाजार अब वैश्विक स्तर पर एक मजबूत, विश्वसनीय और आकर्षक इक्विटी हब के रूप में अपनी पहचान बना चुका है, जो भविष्य में और भी ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।