Assembly Election: गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, 3 बार के विधायक अश्वनि कोतवाल ने थामा बीजेपी का दामन
Assembly Election - गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, 3 बार के विधायक अश्वनि कोतवाल ने थामा बीजेपी का दामन
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Updated on: 03-May-2022 09:50 PM IST
गांधीनगर। विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस से नेताओं का निकलना शुरू हो गया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटले के पार्टी से निकलने की अटकलों के बीच कांग्रेस से तीन बार के विधायक रहे अश्वनि कोतवाल ने अब कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। उन्होंने राज्य विधानसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया है। कोतवाल साबरकांठा जिले के आदिवासी नेता हैं और 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के टिकट पर अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित साबरकांठा जिले की खेड़ब्रह्मा सीट जीती है। पत्रकारों से बात करते हुए कोतवाल ने पार्टी छोड़ने के अपने फैसले के लिए कांग्रेस में व्याप्त ”अन्याय” का दावा किया। गौरतलब है कि दिसंबर में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। कोतवाल के इस्तीफे के बाद, 182 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के सदस्य घटकर 63 हो गए, जबकि भाजपा के पास 111 सदस्यों के साथ बहुमत है। विधायक पद से दिया इस्तीफागुजरात भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने मंगलवार दोपहर गांधीनगर में राज्य भाजपा मुख्यालय ‘कमलम’ में आयोजित एक समारोह के दौरान कोतवाल का भाजपा पार्टी में शामिल होने पर स्वागत किया। राज्य विधानसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा कि कोतवाल ने खेड़ब्रह्मा सीट से विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया और उनका इस्तीफा अध्यक्ष निमाबेन आचार्य ने मंगलवार सुबह स्वीकार कर लिया। भाजपा में शामिल होने से पहले कोतवाल ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। कोतवाल ने कहा, मैं कांग्रेस के कामकाज से खुश नहीं था। जो जनता के बीच लोकप्रिय हैं, उन्हें टिकट देने के बजाय, पार्टी नेतृत्व केवल उन लोगों का पक्ष लेता था जो उनके प्रति वफादार रहे।पार्टी से टिकट न मिलने का डर थाअश्विन कोतवाल ने कहा, मुझे डर है कि पार्टी मुझे भविष्य में टिकट से वंचित कर सकती है और इस तरह के अन्याय से बचने के लिए, मैं अब भाजपा में शामिल हो रहा हूं। कोतवाल ने कहा, मेरा दृढ़ विश्वास है कि गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास हुआ है। उन्होंने मुझे 2007 में भाजपा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था और कहा था कि उन्हें मेरे जैसे समर्पित लोगों की जरूरत है जो आदिवासियों के उत्थान के लिए काम करें। हालांकि मैं 2007 में भाजपा में शामिल नहीं हुआ, लेकिन मैं तब से नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक बन गया हूं।
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