Axiom-4 Mission: अंतरिक्ष से घरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला, हुआ स्प्लैशडाउन; स्पेस में बिताए 18 दिन

Axiom-4 Mission - अंतरिक्ष से घरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला, हुआ स्प्लैशडाउन; स्पेस में बिताए 18 दिन
| Updated on: 15-Jul-2025 03:21 PM IST

Axiom-4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अपने चार सहयोगी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन का मिशन पूरा कर 15 जुलाई 2025 को पृथ्वी पर वापसी की। इस ऐतिहासिक मिशन के तहत उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया के तट पर दोपहर करीब 3:00 बजे IST स्प्लैशडाउन के साथ उतरा। यह मिशन नासा और SpaceX के संयुक्त प्रयासों का हिस्सा था, जिसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल थे।

मिशन की शुरुआत और यात्रा

शुभांशु शुक्ला और उनके सहयोगी 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए ISS के लिए रवाना हुए थे। 28 घंटे की यात्रा के बाद वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे, जहां उन्होंने 18 दिन बिताए। इस दौरान उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें भारत के सात प्रयोग शामिल थे। 14 जुलाई 2025 को शाम 4:45 बजे IST, वे ISS से पृथ्वी के लिए रवाना हुए और 23 घंटे की यात्रा के बाद कैलिफोर्निया के तट पर सुरक्षित लैंडिंग की।

शुभांशु का मिशन क्यों है खास?

शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने 1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के 41 साल बाद यह उपलब्धि हासिल की। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह भविष्य में कमर्शियल स्पेस स्टेशन की स्थापना और नई तकनीकों के विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। यह मिशन 2027 में भारत के मानव अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

अंतरिक्ष में किए गए प्रयोग

भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन कमांडर शुभांशु शुक्ला, जिनके पास 2000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है, ने इस मिशन के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए। इनमें मेथी और मूंग के बीजों को अंतरिक्ष में उगाना शामिल था, जिनकी तस्वीरें हाल ही में सामने आईं। इन प्रयोगों का उद्देश्य अंतरिक्ष में खाद्य उत्पादन की संभावनाओं को समझना और भविष्य के दीर्घकालिक मिशनों के लिए आधार तैयार करना था। कुल 60 से अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों के अलावा, मिशन में 20 से अधिक आउटरीच कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

पृथ्वी पर वापसी और परिवार की खुशी

एक्सिओम-4 मिशन के तहत ड्रैगन अंतरिक्ष यान के ISS से अनडॉक होने के बाद, शुभांशु के माता-पिता ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की। उनके पिता ने कहा, “हमें बहुत खुशी है कि अनडॉकिंग सुरक्षित रूप से हुई। हमें उम्मीद है कि लैंडिंग भी सुचारू रूप से होगी। हमें ईश्वर पर पूरा भरोसा है।” पृथ्वी पर लौटने के बाद शुभांशु के माता-पिता भावुक हो गए और उनकी इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया।

मिशन का वैश्विक महत्व

यह मिशन न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण है। चार देशों के अंतरिक्ष यात्रियों के सहयोग से यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। SpaceX ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि अंतरिक्ष यान ने सैन डिएगो के तट पर उतरने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में सफलतापूर्वक पुनः प्रवेश किया।

भविष्य की संभावनाएं

शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए, बल्कि भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष लक्ष्यों, जैसे कि 2027 में मानव अंतरिक्ष यान लॉन्च करने और कमर्शियल स्पेस स्टेशन की स्थापना के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। शुभांशु की इस उपलब्धि ने न केवल भारत, बल्कि विश्व भर में युवाओं को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में प्रेरित किया है।

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